बुद्ध पूर्णिमा 26 मई, बुधवार के दिन पड़ रही है। बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। मां लक्ष्मी को भी यह तिथि अति-प्रिय है। मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन अगर हम कोई कार्य करते हैं और उसे सही विधि-विधान से करते हैं तो उससे हमें शुभफल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि आज के दिन किया गया दान हमें कई सारे फल दिलाता है। आज के दिन का क्या है ज्योतिष महत्व, और आज के दिन को कैसे विधि-विधान से पूरा करना आइए जानते हैं।
– वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर नित्यकर्म के बाद स्नान कर लें और पूरे दिन श्रद्धा से उपवास रखें। रात्रि में फूल, धूप, दीप, अन्न, गुड़ चंद्र देव की पूजा करके उन्हें अर्पित करें। इसके बाद जल से भरा हुआ एक घड़ा जरूरतमंद को दान दें। पकवान का भी दान करें। लॉकडाउन है तो आप ऑनलाइन भी दान कर सकते हैं।
– वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर नित्यकर्म के बाद स्नान कर लें और पूरे दिन श्रद्धा से उपवास रखें। रात्रि में फूल, धूप, दीप, अन्न, गुड़ चंद्र देव की पूजा करके उन्हें अर्पित करें। इसके बाद जल से भरा हुआ एक घड़ा जरूरतमंद को दान दें। पकवान का भी दान करें।
– वैशाख पूर्णिमा के दिन यमराज को स्मरण करते हुए पानी से भरा हुआ घड़ा और तरह-तरह का स्वादिष्ट खाना दान करने से 100 गायें दान करने के बराबर पुण्य लाभ मिलता है। लेकिन इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का ख्याल रखें।
– वैशाख पूर्णिमा के दिन यज्ञ में तिल और चीनी की आहुति देने से अच्छे और मंगल फल की प्राप्ति होती है। यज्ञ घर में ही करें।
– मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से कई जन्म के पाप और दोष मिट जाते हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन लगा है ऐसे में घर में गंगा मैया को स्मरण करते हुए घर में ही स्नान करें।
– वैशाख पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों को दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन पांच या सात ब्राह्मणों को सत्तू, चीनी, गुड़ और तिल दान करने से मनचाहा फल मिलता है। आप ब्राह्मण के लिए ऑनलाइन राशि भी दे सकते हैं या चाहें तो किसी जरूरतमंद के लिए खाने का इंतजाम करवा दें।