नारदा स्टिंग मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों टीएमसी नेताओं को जमानत दे दी है। सीबीआई ने सोमवार को मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत बनर्जी, विधायक मदन मित्रा को गिरफ्तार किया था। हालांकि 7 घंटे भीतर ही न्यायमूर्ति अनुपम मुखर्जी के नेतृत्व वाली विशेष सीबीआई अदालत ने चारों गिरफ्तार आरोपियों को जमानत दे दी।
इसमें ममता के दो मंत्री और एक विधायक शामिल हैं। ममता सरकार में पूर्व मंत्री रहे सोवन चटर्जी को भी जमानत मिल गई है। इधर, सूत्रों का कहना है कि सीबीआई इस मामले में कोलकाता हाई कोर्ट जा सकती है।
गौरतलब है कि नारदा स्टिंग मामले में सोमवार को लिए गए सीबीआई के एक्शन के बाद बंगाल की राजनीति फिर गरमा गई। मंत्रियों की गिरफ्तारी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान हालात इस कदर बेकाबू हुए कि यहां पर पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया।
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सबसे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई के दफ्तर पहुंचीं और गिरफ्तारी का विरोध किया। साथ ही चेतावनी दी कि सीबीआई को उन्हें भी गिरफ्तार करना होगा। देखते ही देखते सीबीआई दफ्तर के बाहर टीएमसी कार्यकर्ताओं का हुजूम लगना शुरू हो गया। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। ममता सीबीआई दफ्तर में करीब 6 घंटे तक रही थीं।
इधर, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई पत्थरबाजी के बाद बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि सीबीआई दफ्तर के बाहर पत्थरबाजी की जा रही है, लेकिन कोलकाता पुलिस, बंगाल पुलिस मूकदर्शक बनी हुई हैं। इस मामले को जल्द निपटाने की अपील है।
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वहीं, तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा की ओर से ये बदले की कार्रवाई की जा रही है। केंद्र के इशारे पर एजेंसी टीएमसी के नेताओं के खिलाफ एक्शन ले रही है। वहीं, बीजेपी का तर्क है कि जो भी एक्शन हो रहा है वो अदालत के आदेश पर ही लिया जा रहा है, ऐसे में इसमें बदले की कार्रवाई नहीं है।
बता दें कि 2016 में सामने आए नारदा स्टिंग के मामले में बीते दिनों ही राज्यपाल से जांच करने की इजाजत मिली थी। इसी केस में सीबीआई ने सोमवार को टीएमसी के नेताओं के घर पर छापेमारी की थी और उन्हें अपने साथ दफ्तर ले आई थी।