लाइफ़स्टाइल डेस्क। आधुनिक युग में जहां एक ओर करियर को लेकर जबरदस्त प्रतिस्पर्धा का माहौल बना हुआ है वहीं दूसरी ओर मनोरंजन के लिए उपलब्ध तमाम नए साधनों की वजह से बच्चों का पढ़ाई में मन लगाना माता-पिता के लिए और भी कठिन हो गया है। ऐसी परिस्थिति में विद्यार्थियों की एकाग्रता और पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ाने में वास्तु के अनुसार बना स्टडी रूम आश्चर्यजनक रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बच्चो के आसपास का माहौल उन्हें बेहद प्रभावित करता है। फिर चाहे उनके कमरे का कलर हो, उसमे लगी तस्वीरे हो या फिर उनकी स्टडी टेबल की स्थिति। तो आइए जानते हैं वास्तुकार संजय कुड़ी से, बच्चों के स्टडी रूम को बेहतर बनाने के लिए वास्तु टिप्स-
- वास्तु सिद्धांतों के अनुसार पश्चिम और पश्चिमी नैऋत्य दिशा में बना स्टडी रूम बच्चों के लिए सर्वोत्तम होता है। पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा में भी स्टडीरूम बनाया जा सकता है। ध्यान रहे कि यह कमरा अगर पश्चिम में बना हो तो लाइट क्रीम कलर, पूर्व में बना हो तो हल्का हरा और अगर उत्तर-पूर्व में बना हो तो हल्का नीला कलर दीवारों पर किया जा सकता है। किसी प्रकार की दुविधा होने पर इन सभी दिशाओं में लाइट क्रीम या ऑफ वाइट कलर का प्रयोग करें। ये वास्तु सम्मत कलर बच्चों की एकाग्रता और पढ़ने की क्षमता को बढ़ाने का काम करेंगे।
- ध्यान रखें कि स्टडी टेबल का आकार वर्गाकार या आयताकार हो। टेबल को आप पश्चिम दिशा में रख सकते हैं। इसके अलावा पढ़ते वक्त मुंह हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। स्टडी टेबल के ठीक सामने या पीछे कमरे का दरवाजा नहीं होना चाहिए।