लखनऊ। इस वर्ष विद्युत (Electricity ) उपभोक्ताओं का भार सात करोड़ 47 लाख किलो वाट के करीब होने का अनुमान है। वहीं 132 केवी सब स्टेशनों की क्षमता मात्र पांच करोड़ 21 लाख किलो वाट ही है। ऐसे में जब सिस्टम अपग्रेड होगा, तभी सभी ढंग से बिजली सप्लाई (power Supply) की जा सकती है।
उपभोक्ता परिषद ने मांग की है कि बिजली दरों (Electricity Rates) में बढ़ोत्तरी की चल रही मांग से पूर्व बिजली कंपनियों को अपना सिस्टम अपग्रेड करना चाहिए, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली ठीक से मिल सके। विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि यह मुद्दा वह नियामक आयोग में भी तर्क संगत ढंग से उठायेगा। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने गुरुवार को कहा कि सिस्टम उच्च गुणवत्ता की बिजली देने में सक्षम नहीं है। ऐसे में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की बात करना प्रदेश की जनता के साथ धोखा है।
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में वर्ष 2023-24 में लगभग तीन करोड़ 52 लाख 98 हजार 672 विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जो बिजली दर बढोतरी प्रस्तावित की गई है। यदि उनका श्रेणी वार कुल भार निकाला जाए तो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का कुल संयोजित भार लगभग सात करोड़ 47 लाख 59 हजार 332 है।
प्रदेश में बढ़ी बिजली कटौती, 10-12 घंटे बिजली गुल
वहीं दूसरी ओर पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के 132 केवी सब स्टेशनों की कुल मार्च 2022 तक लगभग 57906 एमबीए था। यह किलो वाट में पांच करोड़ 21 लाख 15 हजार 400 किलो वाट के करीब होगा। ऐसे में पीक आवर में उपभोक्ताओं को बिजली ठीक से मिल नहीं पाएगी।