योग (Yoga) आपके स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद है। चाहे फिर शारीरिक तौर पर फिट रहने की बात हो या मानसिक स्वास्थ्य की, योग आपको कई लाभ प्रदान करता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि योग के कुछ आसन आपके बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं? विशेष तौर पर आपकी बच्चे की पढ़ाई के लिए। अंदाजा लगा सकती हैं यह कौन सा योगासन है? जी हां यह कोई और नहीं बल्कि शीर्षासन (Sirsasana) है।
यहां हम बता रहे हैं कि शीर्षासन (Sirsasana) आपके बच्चों की पढ़ाई में कैसे मदद कर सकता है और यह आपके बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है। क्या आप इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं? चलिए तो बिना समय बर्बाद किए हम आपको बताते हैं।
शीर्षासन बच्चों के लिए फायदेमंद
विशेषज्ञों के अनुसार, शीर्षासन करने से सिर में रक्तसंचार बढ़ता है, जिससे कि मस्तिष्क अच्छे से कार्य करने लगता है और सभी इन्द्रिय-अंगों (आंख, कान,नाक आदि) के लिए लाभप्रद है। यह याददाश्त को सुधारने के साथ ही एकाग्रता को बढ़ाता है। शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ ही मानसिक सुकून भी पहुंचाता है।
बच्चों को पढ़ाई में मिलती है मदद
विशेषज्ञ बताते हैं, जब बच्चे इस आसन को करते हैं, तो यह उनकी मेमोरी को बूस्ट करता है। जिससे उनका पढ़ने में मन लगता है। जिससे वह जब भी कुछ पढ़ते हैं, याद करने की कोशिश करते हैं, तो वह इसे आसानी से कर पाते हैं और भूलते नहीं हैं। इसलिए पढ़ने वाले बच्चों को सुबह शीर्षासन करने की सलाह दी जाती है।
जानिए कैसे करें शीर्षासन
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले खाली पेट, समतल स्थान पर कंबल या दरी बिछा लें। वज्रासन में बैठकर, हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसा लें।
- माथे से ऊपर जहां से बाल शुरू होते हैं, वहां से चार अंगुल ऊपर सिर पर हाथों को रखें।
- अब आगे झुकते हुए माथे को ज़मीन पर रख लें। दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें और हाथों की
- उंगलियों को आपस में अच्छी तरह से फंसाकर रखें।
- सांस की गति सामान्य रखते हुए हाथों पर ज़ोर डालते हुए, शरीर का भार सिर पर लाएं और सबसे पहले नितंबों को
- ऊपर की ओर उठाएं, फिर धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाते जाएं। शरीर का भार सिर पर आ जाएगा।
- शरीर को ऊपर की ओर सीधा कर लें। यहां पैर, कमर,व सर एक सीध में हो जाएंगे।
- शुरुआत में दीवार के सहारे या किसी का सहयोग लेकर इसका अभ्यास को करें।
शीर्षासन करते समय इन गलतिगों से बचें
- कोहनी बहुत चौड़ी रखना
- कंधों के पीछे कूल्हों को लाना
- सिर का गलत स्थान
- हाथ और पैरों में सामान्य गैप न रखना
- श्वास का बहुत तेज होना
- स्पाइनल पर अधिक भार देना