बीजिंग/ ताइपे। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से उपजा चीनी आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन ने ताइवान सीमा पर ताबड़तोड़ मिसाइलें (Missiles) दाग कर दबाव बनाया है। इस मसले पर जी-7 के बयान से गुस्साए चीन ने जापान के साथ प्रस्तावित विदेश मंत्री स्तरीय बैठक रद कर दी है।
चीन के भारी विरोध व धमकियों के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने मंगलवार व बुधवार को ताइवान की यात्रा की थी। इसके बाद से चीन का आक्रोश थम नहीं रहा है। चीनी सैनिकों ने ताइवान सीमा पर जमकर मिसाइलें दागीं। चीन के रक्षा मंत्रालय ने 11 मिसाइलें (Missiles) दागे जाने की पुष्टि की। कहा गया कि चीन ने सैन्य अभ्यास के दौरान ताइवान के आसपास पानी में ये मिसाइलें दागी हैं।
चीन की ईस्टर्न थिएटर कमांड ने कहा कि उसने नियोजित अभ्यास के तहत गुरुवार को ताइवान के पूर्वी तट के पानी पर पारंपरिक मिसाइलें (Missiles) दागी हैं। ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता ने कहा कि गोलीबारी पूरी होने के बाद संबंधित समुद्री और हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण हटा लिया गया है। इस बीच ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसे क्षेत्रीय शांति को कमजोर करने वाली तर्कहीन कार्रवाई करार दिया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने दोपहर बाद दो बजे के आसपास पूर्वोत्तर और दक्षिण-पश्चिमी ताइवान के क्षेत्रों में डोंगफेंग सीरीज की कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं।
मुख्तार अंसारी को झटका, गाजीपुर में पत्नी आफसा की 50 लाख की संपत्ति कुर्क
इसके अलावा दुनिया में कहीं से भी ताइवान के पक्ष में बात उठना चीन को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। गुरुवार को कंबोडिया में आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उनके जापानी समकक्ष के बीच एक बैठक होनी थी। इस बीच अमेरिका, इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा और जापान की सदस्यता वाले समूह जी-7 के विदेश मंत्रियों का एक बयान सामने आया।
इस बयान में चीन से ताइवान के आसपास तनाव को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का आह्वान किया गया था। इस बयान को चीन ने अपने विरुद्ध मानते हुए नाराजगी जताई और चीन व जापान के विदेश मंत्रियों के बीच प्रस्तावित बैठक रद करने का ऐलान कर दिया गया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि ताइवान के बारे में जी-7 द्वारा दिए गए संयुक्त बयान से चीनी पक्ष बहुत नाराज है।