भारत और चीन के बीच कुछ हिस्सों में अभी भी तनाव चल रहा है जिसका असर दोनों के रिश्तो पर पद रहा है। वही चीन ने ल्हासा से नेपाल के काठमांडू तक 2250 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे लाइन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
इस रेलवे लाइन को आगे भारत-नेपाल सीमा के नजदीक मौजूद लुम्बिनी से भी जोड़ा जाएगा। ये चीन की डेवेलपमेंट वाली युद्धनीति है। ये समझौता सालों से ठंडे बस्ते में पड़ा था लेकिन जब चीन और भारत के बीच LAC पर तनाव बढ़ा तो अब सालों से बंद इस प्रोजेक्ट को चीन ने तुरंत शुरू कर दिया। चीन की टीम अब तिब्बत से काठमांडू तक इस रेल प्रोजेक्ट के काम में जुटी हुई है।
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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का चीन प्रेम जग जाहिर है। चीन ओली की कुर्सी बचाता है और बदले में ओली चीन के इशारों पर फैसले लेते हैं। ओली नेपाल में भारत विरोधी माहौल बनाने के लिए पूरा ज़ोर लगा रहे हैं। बॉर्डर पर तनाव के माहौल में चीन ने नेपाल तक रेलवे लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है।
चीन ने ल्हासा को काठमांडू से जोड़ने के लिए एक दशक पुरानी रेल परियोजना पर काम शुरू किया गया है। ये रेल लाइन तिब्बत के ल्हासा से शिगात्से होते हुए केरूंग पहुंचेगी और फिर रसवा गाधी होते हुए नेपाल में दाखिल होगी और काठमांडू तक जाएगी। ल्हासा से शिगात्से तक का काम खत्म हो गया है जबकि शिगात्से से केरूंग तक काम शुरू हो गया है। वहीं नेपाल वाले हिस्से में इस परियोजना पर चीन सर्वे का काम कर रहा है।
चीनी मीडिया ने इस रेलवे प्रोजेक्ट के सर्वे की तस्वीरें जारी की हैं। तस्वीरों में एक टीम कॉरिडोर साइट का मुआयना करती नजर आ रही है। ऐसे वक्त में, जब नेपाल और भारत के बीच सीमा तनाव चल रहा है, चीन अपनी परियोजनाओं के जरिए नेपाल में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।