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हिंद महासागर में चीन की कूटनीतिक जीत, जानिए क्या है पूरा मामला

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कोलंबो। कोलंबो में अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन बार्ड ने फैसला लिया है कि श्रीलंका के लिए अनुमोदित निधि अब अन्‍य पात्र भागीदार देशों को उपलब्‍ध कराई जाएगी। अमेरिका ने श्रीलंका की उदासीन रवैये के कारण 480 मिलियन डॉलर के मिलेनियम डेवलपमेंट असिस्‍टेंस प्रोगाम को बंद करने का ऐलान किया है।

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अतंरराष्‍ट्रीय राजनीति के क्षेत्र में यह चीन की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। बता दें कि अक्‍टूबर में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की श्रीलंका यात्रा के दौरान राजपक्षे सरकार से मिलेनियम चैलेंज कॉपरेशन समझौते पर हस्‍ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया था। श्रीलंका ने जब इस पर हस्‍ताक्षर करने से मना कर दिया था तब पोम्पिओ ने गोटबाया प्रशासन से कहा था कि चीन या अमेरिका में से किसी एक को चुनना होगा। उनके इस बयान के बाद चीन ने पोम्पिओ की इस यात्रा पर कड़ा विरोध जताया था।

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हिंद महासागर में चीन की चाल को नाकाम करने की घोषणा में अमेरिका के लिए यह बड़ा झटका है। हालांकि, अक्‍टूबर महीने में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने श्रीलंका दौरा किया था। इसका मकसद श्रीलंका को इस समझौते के लिए राजी करना था। उस वक्‍त अमेरिका का दावा था कि इससे किसी देश की संप्रभुता को खतरा उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

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