नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने बीते दिनों चीनी ऐप्स को देश की अखंडता और संप्रभुता पर खतरा बताते हुए बैन कर दिया है।इसके साथ ही दुनिया के कई और इस मामले में चीनी ऐप्स को बैन कर चुके हैं।
खिलाड़ियों के साथ मस्ती करते नज़र आए अर्जुन तेंदुलकर, तो फैन्स बोले- देखो नेपोटिज्म
भारत ने अब तक 200 से ज्यादा ऐप्स पर कार्रवाई कर चुका है। अब खबर आ रही है कि चीनी कंपनी अलीबाबा भारतीय यूजर्स का डेटा चोरी कर रही है। मामले में जल्दी ही सरकार के तरफ से जांच शुरू की जा सकती है।
देश के टॉप इंटेलिजेंस सूत्रों बताया है कि कम से कम देश के 72 सर्वर्स से भारतीय यूजर्स का डेटा चीन को भेजा जा रहा है। और इन सभी सर्वर्स का मुख्य केंद्र चीनी कंपनी अलीबाबा के क्लाउड डेटा सर्वर है। अधिकारियों का कहना है कि अलीबाबा के क्लाउड डेटा सर्वर्स काफी मशहूर है क्योंकि ये यूरोपीय सर्वर्स के मुकाबले किफायती कीमत में सर्विस मुहैया कराते हैं।
सूत्रों के मुताबिक अलीबाबा द्वारा भारत में ऑपरेट किए जा रहे 72 सर्वर्स को चिन्हित किया गया है। जो डेटा चीन भेज रहे हैं। चीनी प्रशासन द्वारा योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। इंटेलिजेंस सूत्रों का कहना है कि व्यावसायियों को ठगने के लिए ये सर्वर्स कई सुविधाएं बेहद कम दाम पर देते हैं। एक बार जब इनके पास कंपनियों और यूजर्स का संवेदशनशील डेटा आ जाता है, तो फिर इस डेटा को ये चीन भेज देता है।
तापसी पन्नू ने किया ‘फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स’ के मुद्दे पर बोलीं जया बच्चन को सपोर्ट
अब कहा जा रहा है कि डेटा चोरी के मद्देनजर बड़ी जांच शुरू की जा सकती है। बीते सोमवार को इंडियन एक्सप्रेस अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी चीन की साइबर रणनीतियों के बारे में चर्चा की गई है।
केंद्र सरकार ने गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद चीन के 106 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसमें शॉर्ट वीडियो ऐप्स टिकटॉक, वी-चैट, यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज जैसे ऐप्स शामिल थे। इस तरह अब तक चीन से जुड़े कुल 224 मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लग चुका है। सरकार का दावा था कि ये सभी ऐप्स कुछ इस तरह की गतिविधियों में शामिल थे, जिससे देश की संप्रभुता और अखंडता, देश की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था आदि के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता था।