पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश मुकीम काला की चित्रकूट जेल में गैंगवार के दौरान हुयी हत्या ने जेल में सुरक्षा प्रणाली को लेकर सवालिया निशान लगा दिया हो मगर कैराना के कारोबारियों को कुख्यात अपराधी के आतंक से निजात मिली है।
मुकीम काला पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा में दो लाख रुपये का ईनाम घोषित था। कैराना के गांव जहानपुरा का रहने वाला कुख्यात मुकीम काला अपने गैंग का सरगना था। जहानपुरा निवासी मुस्तकीम का बेटा मुकीम छोेटे छोटे अपराध कर एक बडा बदमाश बन बैठा। मुकीम काला ने कुख्यात बदमाश कग्गा के गिरोह में शामिल होकर कई बडी वारदातों को अंजाम दिया।
कग्गा के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद मुकीम काला ने गिरोह की कमान संभाल ली, उसके बाद उसने अपने गैंग के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व उत्तराखंड में कई अपराधों को अंजाम दिया। मुकीम ने रंगदारी न देने पर कैराना में भी दो व्यापारियों की दिन दहाडे निर्मम हत्या कर दी थी जिसके बाद उसका कैराना में जबरदस्त खौफ पैदा हो गया था। कुछ व्यापारियों ने तो अपनी जान बचाने के लिए मुकीम काला को रंगदारी देनी शुरू कर दी जबकि कुछ व्यापारियों ने दहशत के कारण कैराना ही छोड दिया और पानीपत, सोनीपत व करनाल में जाकर बस गए थे।
आजमगढ़ शराब कांड: दो और की मौत, मृतकों की संख्या 29 हुई
20 अक्टूबर 2015 को मेरठ एवं नोएडा की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक सूचना के बाद कुख्यात बदमाश मुकीम को गिरफ्तार किया था। कुछ दिन उसे मुजफ्फरनगर जेल में रखा गया, फिर उसके बाद सहारनपुर, फिर कुछ समय तक वह हरियाणा की जेल में रहा। बाद में शासन के निर्देश पर उसे उसे चित्रकूट जेल में रखा गया था जहां शुक्रवार की सुबह बदमाशों की बीच हुई गैंगवार में अंशुल उर्फ अंशू ने मुकीम काला व एक अन्य बदमाश मिराजुद्दीन की हत्या कर डाली।
कुख्यात बदमाश मुकीम काला पर 50 करोड़ से ज्यादा से की लूटपाट व अनगिनत हत्याओं का आरोप था। मुकीम ने सहारनपुर में भी जमकर उत्पात मचाया था। सात साल पहले पांच जून को हरियाणा में दो पेट्रोल पंपों से डकैती करके भागते हुए मुकीम काला ने दिन-दहाड़े सहानपुर में हसनपुर रजवाहे पर सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर उसकी कारबाइन लूट ली थी। तनिष्क ज्वैलरी शॉप में करोड़ों की डकैती डालने के बाद सहारनपुर पुलिस ने गैंग के सभी शार्पशूटरों व उसकी पत्नी को जेल भेजा था।
वांछित शराब फैक्ट्री संचालक पब्लिक स्कूल मालिक प्रद्युमन राम गिरफ्तार
उसने अपने गैंग के साथ मिलकर देवबंद में गोल्ड सप्लायर से एक करोड़ का सोना लूटा था।मुकीम काला का आतंक इतना था कि पुलिस पर भी उस पर हाथ डालने से कतराती थी क्योंकि उसे सफेदपोशों का संरक्षण प्राप्त था। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ताबडतोड घटनाएं होने व लोगों में बढ रहे आक्रोश के बाद पुलिस प्रशासन ने मुकीम के खिलाफ अभियान छेड दिया था। पुलिस ने उसे कई बार दबोचने का प्रयास किया लेकिन वह हाथ नहीं लग पाया, इसके बाद तो उसने हत्या जैसी कई संगीन वारदातें कर डाली। पुलिस का मुखबिर तंत्र भी फेल हो रहा था लेकिन एक दिन मेरठ व नोएडा की एसटीएफ की टीम ने मुकीम काला को दबोच लिया।
मुकीम की गिरफ्तारी के बदमाश उसकी निशानदेही पर एसटीएफ की टीम ने कैराना से एके-47, पिस्टल, मैगजीन, रिवाल्वर, भारी संख्या मंे कारतूस, मोबाइल फोन बरामद किए थे। मुकीम पर हत्या के करीब 16, लूट के 22 मामलांे समेत कुल 61 मामले दर्ज हैं।
इसी दौरान सत्ता परिवर्तन हुआ और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को अपराधमुक्त करने का वादा किया जिसके बाद बदमाशों पर पुलिस का कहर टूटना शुरू हो गया। उस समय जनपद में अजय कुमार शर्मा एसपी थे जिन्होंने कई बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर किया, उनमें से एक मुकीम काला का दांया हाथ कुख्यात साबिर निवासी जंधेडी भी था। एसपी को सूचना मिली थी कि कुख्यात साबिर अपने परिजनों से मिलने के लिए गांव जंधेडी आया हुआ है।
सूचना के बाद एसपी अजय कुमार शर्मा ने कैराना पुलिस के साथ मिलकर साबिर के मकान को घेर लिया तथा उसे आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी लेकिन साबिर ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग शुरू कर दी और एक कमरे में छिप गया। इसी दौरान एक सिपाही ने जैसे ही कमरे का दरवाजा खोला, साबिर ने अंधाधुंध गोलियां चलायी जिसमें सिपाही शहीद हो गया और कोतवाली प्रभारी भी गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। उसके बाद पुलिस ने साबिर को उसके मकान में ही ढेर कर दिया। पुलिस ने घायल कोतवाल को उपचार के लिए चिकित्सालय में भर्ती कराया था। कई माह तक अस्पताल में रहने के बाद वे स्वस्थ होकर फिर से ड्यूटी पर आ गए थे। मुकीम काला का भाई वसीम काला भी पुलिस मुठभेड में मारा जा चुका है।