मुंबई। भारतीय सिनेमा के जनक माने जाने वाले धुंदीराज गोविंद फाल्के का नाम भुनाने की एक और कोशिश मुंबई में बीती शाम नाकाम हो गई। समारोह में एक पुरस्कार दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के नाम का भी निकाला गया और इसे लेकर सोशल मीडिया पर पुरस्कार के आयोजक रविवार दिन भर ट्रोल होते रहे।
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देश के तमाम राज्यों के पर्यटन विभागों की तरफ से प्रायोजित हुए एक निजी संस्था के फाल्के के नाम पर रखे गए इन इंटरनेशनल फिल्म अवार्ड्स में कोई अंतर्राष्ट्रीय सितारा तो दूर खुद हिंदी सिनेमा का ही कोई बड़ा सितारा नहीं पहुंचा। दादा साहब फाल्के के नाम पर भारत सरकार हर साल किसी एक शख्स को सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान देती है। फाल्के के नाम पर बंटने वाली इन रेवड़ियों को लेने गिनती के वही कलाकार पहुंचे जिनको सिर्फ अवार्ड से मतलब है, देने वाला कौन है, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।
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दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स 2021 को आयोजित करने वाली संस्था पूरे साल इन पुरस्कारों के नाम पर प्रायोजक इकट्ठा करने के अलावा सिनेमा से जुड़ा दूसरो कोई काम नहीं करती। शुरू शुरू में फिल्म इंडस्ट्री के लोग फाल्के पुरस्कार के नाम पर ऐसे पुरस्कारों के झांसे में आ भी जाते थे, लेकिन जैसे जैसे फिल्म इंडस्ट्री में भारत सरकार की तरफ से मिलने वाले फाल्के पुरस्कार को लेकर जागरूकता फैल रही है, बड़े सितारों ने खुद ही फाल्के के नाम पर बंटने वाले दूसरे पुरस्कारों से दूरी बनानी शुरू कर दी है।
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फाल्के के नाम पर सरकारी, गैर सरकारी, अर्ध सरकारी संस्थाओं से विज्ञापन जुटाने वाली इस पुरस्कार वितरण संस्था ने पुरस्कार समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक चिट्ठी का भी जमकर प्रचार किया और उस चिट्ठी के साथ साथ प्रधानमंत्री मोदी के नाम का भी व्यावसायिक इस्तेमाल किया जबकि इसके खिला केंद्र सरकार सख्त रवैया अपना चुकी है। बिना अनुमति प्रधानमंत्री का नाम, फोटो, या उनकी पहचान किसी व्यावसायिक हित के लिए प्रयोग करना कानूनन जुर्म है।
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तथाकथित फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स में जैसी की उम्मीद थी फिल्मों का कोई फेस्टिवल नहीं हुआ। ना कोई फिल्म दिखाई गई और न ही किसी दूसरे देश से सिनेमा की किसी बड़ी शख्सीयत का सेमिनार या सिनेमा पर कोई चर्चा ही हुई। आयोजक सीधे मुद्दे पर आए और सिनेमा में हाशिये पर पड़े लोगों को रेड कार्पेट पर चलाकार तालियां बजाकर खुश हो गए। हिंदी सिनेमा का एक भी चोटी का तो छोड़िए टॉप 10 में शामिल भी कोई हीरो या हीरोइन इस समारोह में नहीं पहुंचा।
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इन फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स के दौरान एक पुरस्कार दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का भी निकाला गया और इसे लेकर रविवार सुबह से पूरा बॉलीवुड निशाने पर है। ट्विटर पर बॉयकॉट बॉलीवुड हैशटैग सुबह से ट्रेंड करता रहा। सुशांत के अलावा जिन लोगों को इस तथाकथित फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार मिले उनमें सुष्मिता सेन, कियारा आडवाणी, बॉबी देओल, नोरा फतेही, दिव्या खोसला कुमार और विक्रांत मैसी जैसे ऐसे नाम शामिल हैं, जो हिंदी सिनेमा की मुख्य धारा में ही नहीं बचे हैं। एक पुरस्कार और पुरस्कार की ट्रॉफी के साथ पीआरओ की तरफ से भेजी गई उनकी फोटो छपना ही इन सितारों के लिए संजीवनी है।
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