मेरठ। मेरठ में एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को आबकारी विभाग के लिपिक को पांच हजार रुपए की रिश्वत (Bribe) लेते रंगे हाथ गिरफ्तार (Arrested) कर लिया। आबकारी विभाग के हेड कांस्टेबल का मेडिकल बिल पास कराने के लिए यह रिश्वत ली जा रही थी।
गाजियाबाद जनपद के सदरपुर गांव निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि वह आबकारी विभाग मेरठ में हेड कांस्टेबल है। 2021 में कोरोना ग्रस्त होने के कारण उसका गाजियाबाद के एक अस्पताल में इलाज चला। उसके इलाज पर ढाई लाख रुपए से अधिक खर्च हो गए। अपने मेडिकल बिल जमा कराने के लिए उसने अपने विभाग में लिपिक राजकुमार के पास जमा करा दिए।
सुरेश कुमार का आरोप है कि मेडिकल बिल पास कराने के लिए लिपिक ने छह हजार रुपए रिश्वत मांगी। बिना रिश्वत दिए काम नहीं होने देने की बात कही। उसने एक हजार रुपए उसी समय दे दिए और बाकी एक सप्ताह बाद देने की बात कही। सुरेश ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन विभाग में की। जिस पर एंटी करप्शन टीम ने लिपिक को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई।
योजना के अनुसार, बुधवार को लिपिक को पांच हजार रुपए देने के लिए सुरेश को भेजा गया। जैसे ही सुरेश ने लिपिक राजकुमार को रुपए दिए, तभी एंटी करप्शन की टीम ने राजकुमार को रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम ने रुपए भी बरामद कर लिए, जिन पर लाल स्याही लगी हुई थी। एंटी करप्शन टीम ने लिपिक को गिरफ्तार कर लिया और थाना कोतवाली में उससे पूछताछ की जा रही है। लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।