देहरादून। अब राज्य के समस्त विद्यालयों में कक्षा 11 और 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने की आवश्यकता के दृष्टिगत स्थायी निवास जाति, आय और अन्य आवश्यक प्रमाण-पत्र विद्यालय में ही उपलब्ध कराये जाएंगे।मुख्यमंत्री (CM Dhami) के निर्देश पर शासन ने इसके लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।
सचिव शैलेश बगोली ने सोमवार को सभी जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि छात्रों को आवश्यक प्रमाण-पत्र की आवश्यकता और इन प्रमाण-पत्रों को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के दृष्टिगत राज्य के समस्त विद्यालयों में अपणों स्कूल, अपणू प्रमाण नामक पहल के तहत कक्षा 11 और 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्थायी निवास, जाति, आय और अन्य आवश्यक प्रमाण-पत्र विद्यालय स्तर पर ही उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है। जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य शिक्षा अधिकारी को सम्मिलित करते हुए समिति का गठन किया जाये।
समिति जनपद स्तर पर कक्षा 11 और 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या का आकलन करेगी। तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति से विद्यालय में भ्रमण करने वाली टीमों (पटवारी / लेखपाल / कानूनगो एवं सीएससी के डाटा एण्ट्री ऑपरेटर) का तिथिवार रोस्टर तैयार करवाया जायेगा। ताकि निवास स्थान, चरित्र, आय, पर्वतीय प्रमाण-पत्र और अन्य प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने की प्रक्रिया के लिए टाइम फ्रेम का निर्धारण करते हुए कार्य योजना बनाई जाए।
तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए समिति का गठन किया जाऐ। समिति की तैयार रोस्टर की सूचना से सम्बन्धित विद्यालयों को अवगत कराने को व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। प्रमाण-पत्रों के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूचना प्रधानाचार्यों, छात्र-छात्राओं, अभिभावकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध करायी जायेगी।
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इस कार्रवाई के पश्चात तहसीलदार स्तर से दैनिक निगरानी के अंतर्गत तिथिवार रोस्टर के अनुसार पटवारी / लेखपाल / कानूनगो एवं सीएससी के डाटा एण्ट्री ऑपरेटर की टीम द्वारा सम्बन्धित विद्यालय का भ्रमण किया जायेगा तथा प्रधानाचार्य से प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए प्रमाण-पत्र हेतु आवश्यक शुल्क / दस्तावेज, ऑनलाईन / ऑफलाइन माध्यम से तहसीलदार / उपजिलाधिकारी कार्यालयों को प्रेषित किये जायेंगे।
आवश्यक शुल्क / दस्तावेज प्राप्त होने के उपरान्त तहसीलदार/ उपजिलाधिकारी कार्यालय द्वारा प्रमाण-पत्र निर्गत करते हुए उक्त प्रमाण-पत्र, छात्र-छात्राओं को वितरित किये जाने को एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य को उपलब्ध करा दिया जायेगा। जिला स्तरीय समिति द्वारा समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार तथा खण्ड शिक्षा अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए सम्पूर्ण कार्रवाई की प्रभावी मॉनिटरिंग की जायेगी और किसी प्रकार की समस्या / कठिनाई उत्पन्न होने पर समिति के स्तर से सम्बन्धित को तात्कालिकता के आधार पर यथावश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किये जायेंगे।