कला किसी भाषा या क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे देश की होती है : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। कला किसी व्यक्ति, जाति, मत-मजहब, भाषा या क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे देश की होती है। कला हमारे सांस्कृतिक व आध्यात्मिक परम्परा का प्रतिनिधित्व भी करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हर वर्ष देश के अलग-अलग राज्यों के कलाकारों को हम स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस आदि आयोजनों पर उत्तर प्रदेश में आमंत्रित करते हैं तो उत्तर प्रदेश के कलाकार भी अन्य राज्यों में जाते हैं। सांस्कृतिक दलों के माध्यम से संस्कृति का आदान-प्रदान कैसे हो सकता है, यह उसका छोटा सा प्रयास है। हम सभी एक-दूसरे की भाषा, परम्पराओं को सम्मान देकर आगे बढ़ेंगे तो वही एक भारत-श्रेष्ठ भारत का प्रतीक बनेगी।

उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहीं। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर विधान भवन के समक्ष प्रस्तुति देने वाले देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों के साथ ही उत्तर प्रदेश के कलाकारों का भी सम्मान किया। गुरुवार को यह समारोह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आयोजित किया गया। सीएम (CM Yogi) ने देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर उप्र की राजधानी लखनऊ में देखकर अच्छा लगा। कलाकारों की आज की प्रस्तुति बहुत शानदार रही।

पुरातन वाद्ययंत्रों को सुरक्षित व संरक्षित करें कलाकार

मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने कहा कि आज के परिवेश में आधुनिक वाद्ययंत्रों का प्रयोग हो रहा है। पुरातन वाद्ययंत्र भूल से गए हैं। कलाकारों को चाहिए कि उन प्राचीन वाद्ययंत्रों को सुरक्षित व संरक्षित करें। अपने यहां उसका संग्रहालय बनाएं। वह कला का प्रतिनिधित्व करते हुए दिखाई देंगे।

प्राचीन काल से भारत में अलग-अलग जगहों पर लोगों ने अलग-अलग तरीके से अपनी परम्परा व बातों को क