उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्यमियों और निवेशकों से आह्वान किया कि वे देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डाॅलर और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डाॅलर बनाने में मदद करें।
श्री योगी ने रविवार देर रात वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये यूपी एसोसिएशन आफ नाॅर्थ अमेरिका द्वारा आयोजित ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टमेंट एण्ड टूरिज्म’ ईवेन्ट को सम्बोधित करते हुये कहा कि उद्यमियों और निवेशकों के सहयोग से देश व प्रदेश को आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक तौर पर नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है। सभी के सहयोग से हम उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में सफल होंगे।
उन्होंने कहा कि निवेशकों की सहूलियत के लिए सरकार ने प्रत्येक एमओयू हस्ताक्षरित करने वाले उद्यमी के साथ एक नोडल अधिकारी लगाया गया है, जो उनसे फीडबैक लेकर उनकी समस्याओं का समाधान करता है और एमओयू के क्रियान्वयन की विभिन्न स्टेजों के विषय में भी जानकारी देता है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतवंशियों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से विश्व में अपनी पहचान स्थापित की है। मातृभूमि के प्रति उनका लगाव सराहनीय है। भारत और उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास में प्रवासी भारतवंशियों की रुचि और सकारात्मक सहयोग की इच्छा सराहनीय है।
इस अवसर पर उद्यमी राकेश अग्रवाल, आकाश अग्रवाल, राजेश श्रोत्रिय, डाॅ देवेन्द्र शुक्ला, डाॅ अनिल चोपड़ा तथा राजीव अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य में निवेश का बेहतर माहौल बना है। अब बाहर रहने वाले निवेशक भी उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं। वे सभी राज्य के सामाजिक कार्यों में भी सरकार के साथ सहयोग करना चाहते हैं।
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श्री योगी ने कहा कि आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश एक बड़ा बाजार भी है। यहां प्रवासी भारतवंशियों का सहयोग उपयोगी सिद्ध होगा। यह प्रदेश प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों से युक्त है। साथ ही, सरकार प्रदेश में अवस्थापना विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। प्रदेश को मानव सभ्यता की प्रथम भूमि बताते हुए उन्होंने कहा कि यह संसार के प्रथम राजा मनु की धरती है। दुनिया की प्राचीनतम नगरी काशी, कुम्भ की धरती प्रयागराज, कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा, गंगा,यमुना,सरयू जैसी पवित्र नदियां यहां हैं। आध्यात्मिक पर्यटन के साथ ही, प्रदेश में ईको व हेरिटेज पर्यटन के भी व्यापक अवसर विद्यमान हैं।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व में मान्यता दिलायी है। भारतीय ऋषि परम्परा की देन योग को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है। प्रधानमंत्री जी की पहल पर यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रयागराज कुम्भ-2019 का भव्य एवं दिव्य आयोजन कर इसे सुरक्षा, सुव्यवस्था, स्वच्छता के आयोजन के रूप में वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया।