उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के संबंध में कांग्रेस का दोहरा रवैया देश की एकता और अखंडता के लिये बड़ा खतरा है।
श्री योगी ने यहां पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस दशकों से राष्ट्रीय अस्मिता के साथ खिलवाड़ करती रही है। कांग्रेस प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उन तत्वों को उत्साहित करती रही है जो देश के अंदर अलगाववाद और अराजकता को बढावा देते है। जम्मू कश्मीर के अंदर कांग्रेस का दोहरा चेहरा देश की जनता के सामने आया है। यद्यपि कांग्रेस पार्टी ही है जिसने एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को कभी साकार नहीं होने दिया। कांग्रेस ने धारा 370 को छल से लागू करके जम्मू कश्मीर में अलगाववाद को बढावा दिया और इसके जरिये देश के अलग अलग हिस्सों में आतंकवाद को प्राेत्साहित किया।
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उन्होने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की आभारी है जिन्होने पांच अगस्त 2019 को कश्मीर में धारा 370 को और 35 ए के प्रावधान को समाप्त करते हुये एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना का साकार किया। धारा 370 ने केवल अलगाववाद का कारण थी अपितु जम्मू कश्मीर के विकास में भी बाधक थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धारा 370 को हटाने का उपरांत जम्मू कश्मीर के कुछ नेताओं ने आपसी समझौता किया था जो गुपकार कंनवेंशन कहलता है और इस पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में क्षेत्रीय दलों के साथी कांग्रेस के भी नेता है।
उन्होने कहा कि पूर्व गृहमंत्री और वित्त मंत्री पी चिंदबरम जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली की बात बार बार करते रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नवी आजाद 370 की बहाली की बात करते है।
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श्री योगी ने कहा कि गुपकार समझौते के बारे बैठकें अलग अलग समय में हुयी हैं। कांग्रेस के स्थानीय अध्यक्ष की साथ ही अन्य नेताओं की उपस्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि वे लोग दिल्ली में कुछ और बात बोलेंगे,जम्मू कश्मीर में कुछ और दावे करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष को गुपकार समझौते के बारे में अपनी पार्टी का पक्ष स्पष्ट करना चाहिये अन्यथा उसका दोहरा चरित्र न सिर्फ देश की अखंडता और सुरक्षा के प्रति खतरा पैदा कर रहा है अपितु पूरी कांग्रेस पार्टी को भी कठघरे में खड़ा कर रहा है।
उन्होने कहा कि देश कांग्रेस पार्टी से इसका जवाब मांग रहा है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को साफ करना होगा कि धारा 370 के बारे में उसकी क्या राय है। जम्मू कश्मीर के विकास के बारे में जाे काम शुरू हुये हैं, उसके बारे में कहा जाता था कि जम्मू कश्मीर के विकास के लिये आने वाला पैसा वहां के राजनेता डकार जाते हैं। इन नेताओ के बच्चे विदेश में पढते थे। 370 के हटने के बाद पहली बार जिला पंचायत के माध्यम से विकास की प्रक्रिया को जोड़ने का काम हो रहा है और गुपकार समझौता इसी बौखलाहट का परिणाम है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अलगाववादी तत्वों को बढावा देने के लिये डा फारूख अब्दुल्ला समेत अन्य दलों के नेताओं के बीच हुये गुपकार समझौते से कांग्रेस पार्टी का जुडना अत्यन्त खतरनाक संकेत है और खास तौर पर जब सेना सीमाओ पर लड रही हो और बहादुर जवान जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की लड़ाई को मजबूती से लड़ रहे हैं। उन स्थिति पर भारत के दुश्मन देशो से मदद लेने की बात करना क्या साबित करता है।
श्री याेगी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को बताना होगा कि उसके नेताओं का गुपकार गैंग से रिश्ता किस स्तर का है। गुपकार समझौते की आड़ में देश की अखंडता पर खिलवाड़ करने के प्रयास को कांग्रेस नेतृत्व कैसे बर्दाश्त कर रहा है। जम्मू कश्मीर के अंदरूनी विकास में कांग्रेस क्यों बाधक बनना चाहती है।