नई दिल्ली। देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की । स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है। कोरोना वैक्सीन को जल्द मंजूरी मिल सकती है।
राजेश भूषण ने कहा कि आज देश में सक्रिय मामलों की संख्या चार लाख से भी कम रह गई है। यह देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों का चार फीसदी से भी कम है। पूरी दुनिया में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। जबकि भारत में सितंबर मध्य के बाद से नए मामलों में लगातार गिरावट आई है। पॉजिटिविटी रेट घट रही है।
उन्होंने कहा कि कुल पॉजिटिविटी रेट 6.5 फीसदी है। महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में देश के 54 फीसदी सक्रिय मामले हैं। प्रति दस लाख लोगों पर कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में अगर विश्व के बड़े देशों से भारत की तुलना करें तो वहां भारत से सात-आठ गुना ज्यादा मामले हैं।
कोरोना वैक्सीन को लेकर मंत्रालय के सचिव ने कहा कि एक बार हमें हमारे वैज्ञानिकों की ओर से हरी झंडी मिल जाए, तो हम वैक्सीन का बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू कर देंगे। हमने सभी तैयारियां कर रखी हैं । वैक्सीन सभी को आसानी से मिल सके। इसलिए इसके उत्पादन को बढ़ाने की योजना बना ली है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी वैक्सीन निर्माताओं और वैज्ञानिकों से मुलाकात कर चुके हैं। भारत में छह संभावित वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के चरण में हैं।
राजेश भूषण ने बताया कि देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन के प्रबंधन के लिए इस साल अगस्त में राष्ट्रीय विशेषज्ञ दल का गठन किया गया था। यह विशेषज्ञ दल जनसंख्या समूहों, वैक्सीन खरीद और सूची प्रबंधन, टीका चयन, टीका वितरण और ट्रैकिंग तंत्र के प्राथमिकीकरण पर मार्गदर्शन प्रदान करता है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया को लेकर कहा कि यह केवल एक राज्य या केंद्र की जिम्मेदारी नहीं है, इसमें जनता की भागीदारी होना बहुत जरूरी है। राजेश भूषण ने कहा कि देश में कुछ संभावित वैक्सीन आने वाले कुछ सप्ताहों में पंजीकृत हो सकती हैं।
मंत्रालय ने कहा कि एनईजीवीएसी ने सिफारिश की है कि कोविड-19 टीकाकरण में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 2.38 लाख एएनएम टीकाकरण में हिस्सा लेती हैं, कोविड-19 टीकाकरण के लिए 1.54 लाख एएनएम का इस्तेमाल होगा।
प्रेस वार्ता में मौजूद नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में कोविड-19 महामारी की स्थिति अब स्थिर हो रही है। उन्होंने कहा कि हम वायरस का पीछा कर रहे हैं और हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वायरस हमारा पीछा न कर सके।
डॉ. पॉल ने कहा कि देश में पंजीकरण के लिए तीन संभावित वैक्सीनों पर नियामक विचार कर रहा है। नियामक यह काम काफी सक्रियता से कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की उम्मीद है कि किसी एक वैक्सीन को या विचाराधीन सभी वैक्सीनों के लिए पूर्व पंजीकरण संभव हो सकेगा।
गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटे में करीब पांच महीने बाद मंगलवार को कोविड-19 के 27 हजार से कम नए मामले सामने आए। इसके साथ देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 97 लाख के पार चले गए, जिनमें से 91.78 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।