लखनऊ। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव में स्वास्थ्य कर्मचारियों और डॉक्टरों ने पूरी जिम्मेदारी से काम किया। कर रहे हैं। इन स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आमजन का जीवन बचाया।
मरीजों की सेवा को ही अपना धर्म, कर्म माना। कोरोना योद्धाओं को हमेशा याद रखा जाएगा। मंत्री ने शुक्रवार को महामारी में मजबूती से मुकाबला करने वाले डॉक्टरों को हेल्थ आईकन अवार्ड से सम्मानित किया।
केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कंवेंशन सेंटर में शुक्रवार को हेल्थ आईकन अवार्ड कार्यक्रम हुआ। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप ने कहा कि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी समाज का सबसे सम्मानित व्यक्ति है। यह मरीजों की जान बचाते हैं। कोरोना महामारी में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। कार्यक्रम के आयोजक समिति के सदस्य अनुराग बत्रा व आदेश शुक्ला ने बताया कि केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी, पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन, अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति और लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. एके सिंह समेत 28 डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
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स्वास्थ्य विभाग के डीजी डॉ. डीएस नेगी, केजीएमयू मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र आतम, केजीएमयू चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी. हिमांशू, डॉ. जेडी रावत, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ. तूलिका चंद्रा, डॉ. अब्बास अली मेंहदी को सम्मानित किया गया। पीजीआई की माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उज्जवला घोषाल, गेस्ट्रो के डॉ. प्रवीर राय और डॉ. आरके सिंह को आईकन अवार्ड से नवाजा गया।
लोहिया संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर, डॉ. तनवीर रोशन सम्मानित हुए। कैंसर संस्थान के डॉ. साईं सरन पीवी, डॉ. विवेकानंद सिंह, पीजीआई के पूर्व पीआरओ आशुतोष सोती, सिविल अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. पंकज श्रीवास्तव, डॉ. अनुभा यादव, डॉ. उमेश चौधरी, डॉ. प्रीति कुमार, रामजी पांडेय को सम्मानित किया गया।