लखनऊ। फास्ट ट्रैक कोर्ट की विशेष जज अन्जू कनौजिया ने दुराचार के एक मामले में अभियुक्त संतोष को दोषसिद्ध किया है। सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए दोषी करार दिए गए अभियुक्त को कोर्ट ने 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्त पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
कोर्ट ने इस मामले में अभियुक्त के पिता पच्चू लाल और मां फूल कुमारी को भी अभियुक्त का साथ देने के आरोप में दोषसिद्ध किया है। कोर्ट ने दोनों को छह-छह माह के साधारण कारावास की सजा से दंडित किया है। इन दोनों पर पीड़िता को गलत तरीके से कैद में रखने का आरोप है।
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सरकारी वकील अरुण पांडेय के मुताबिक, पीड़िता काम के सिलसिले में लखीमपुर खीरी जनपद के एक गांव से लखनऊ आई थी।
23 मई, 2016 को उसने इस मामले की एफआईआर थाना निगोहा में दर्ज कराई थी। एफआईआर में कहा गया था कि अभियुक्त से उसकी बस स्टैंड पर ही मुलाकात हुई। मुलाकात के बाद अभियुक्त उसे काम दिलाने का झांसा देकर अपने घर ले गया। यहां उसने पीड़िता को बंधक बना लिया और कई दिनों तक दुराचार करता रहा। अभियुक्त के न रहने पर उसके माता-पिता पीड़िता की निगरानी करते थे। किसी तरह से वहां से निकल कर उसने पुलिस की शरण ली।