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Covid-19 Can Enter The Brain: दिमाग में भी घुस सकता है कोरोनावायरस

Desk by Desk
22/12/2020
in Main Slider, अंतर्राष्ट्रीय, ख़ास खबर, नई दिल्ली, स्वास्थ्य
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corona in brain

corona in brain

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नई दिल्ली। कोरोनावायरस इतना खतरनाक वायरस है कि इंसान की बॉडी के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। इस वायरस का असर ना सिर्फ फेफड़ों पर पड़ता है बल्कि इससे मल्टी ऑर्गन फेलियर जैसे मामले भी सामने आ रहे हैं। दुनियाभर में कोरोनावायरस के ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिनमें ये संकेत मिले है कि कोविड-19 के मरीजों में ब्रेन फॉग और थकान जैसे लक्षण महसूस किए गए है।

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ब्रेन फ्रॉग एक ऐसी बीमारी है जिसमें आपके सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक SARS-COV-2 वायरस का दिमाग में प्रवेश करना बुरी खबर है। ये वायरस अपना प्रसार मानव शरीर के अंगों में तेजी से कर रहा है। अब एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोरोनावायरस दिमाग में भी घुस सकता है। कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन और एचआईवी का जीपी120 प्रोटीन रिसेप्टर को जकड़ लेते हैं और अपने वायरस को फैलने का मौका देते हैं।

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वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और पुगेट साउंड वेटेरन्स अफेयर्स हेल्थ केयर सिस्टम की साझा रिसर्च की अगुवाई करने वाले विलियम ए बैंक्स ने बताया कि आम तौर से स्पाइक प्रोटीन कोशिकाओं में दाखिले का रास्ता बताता है और खुद भी वायरस से अलग होते वक्त नुकसान पहुंचाता है और सूजन भी बढ़ाता है। स्पाइक प्रोटीन या S1 प्रोटीन बताता है कि वायरस कौन सी कोशिकाओं में प्रवेश कर सकता है।

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उन्होंने कहा कि S1 प्रोटीन संभावित तौर पर दिमाग को साइटोकिन्स और सूजन बढ़ाने वाले अणुओं के स्राव पर मजबूर करता है। कोविड-19 संक्रमण के नतीजे में तीव्र सूजन को साइटोकिन स्ट्रोम कहा जाता है। वायरस को देखकर इम्यून सिस्टम और उसका प्रोटीन हमलावर वायरस को मारने की कोशिश में प्रतिक्रिया करता है। उस वक्त संक्रमित शख्स को ब्रेन फॉग, थकान और अन्य दिमागी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

Tags: corona activeCorona Effectcorona in brainCoronavirusHealthHealth and Medicine health lifestyle hindi newshealth careimmune systemlifestyleLifestyle and Relationshipspike proteinकोरोना का असर
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