मीरजापुर। झारखंड के साइबर ठगों (Cyber Thugs) का तार अब जनपद से भी जुड़ गया है। यहां से ठगों ने एक व्यापारी को झांसे में लेकर 48 लाख रुपये ठग लिए। नगर निवासी तन्मय जैन को स्कूटी की फ्रेंचाइजी एजेंसी देने के नाम पर निशाना बनाया। इसकी जानकारी उनको तब हुई जब उनसे ठग वाहन की एजेंसी देने की बजाय लगातार रुपये मांगते रहे। मामले की शिकायत साइबर पुलिस से की तो पुलिस तत्काल सक्रिय हो गई। छानबीन करने पर झारखंड के तीन आरोपित प्रकाश में आए। इनको दबोचने के लिए मीरजापुर पुलिस भी झारखंड गई थी, लेकिन इससे पहले ही झारखंड की पुलिस ने ठगों को अन्य मामलों में दबोच लिया। जब पूछताछ हुई तो ठगी करने का मामला उजागर हुआ।
तन्मय जैन ने स्कूटी कंपनी की फ्रेंचाइजी एजेंसी लेने के लिए एक वेबसाइट पर आवेदन किया था। उनके इस आवेदन को देखकर साइबर ठगों ने हैक कर लिया और कंपनी बनकर फ्रेंचाइजी एजेंसी देने की बात करने लगे। गत दिसंबर 2022 में पहले कागजात पूर्ण कराने के लिए उनसे एक लाख 70 हजार रुपये की डिमांड की। जब उन्होंने मांगे गए रुपये उस कंपनी के खाते में डाल दिया तो कुछ दिन बाद फिर ठगों ने उनको फोन कर रुपये मांगे। इस बार उन्होंने 55 हजार रुपये दिए।
इसके बाद एनओसी की कार्रवाई के लिए रुपये मांगे ताे 13 लाख रुपये उनके खाते में डाल दिए। वाहनों को भेजने के लिए फिर 13 लाख रुपये मांग की गई, इसे भी खाते में डाल दिए। कुछ दिनों बाद भी वाहन की एजेंसी नहीं मिली तो तन्मय ने दोबारा उनको फोन किया। इस पर ठगों ने कहा कि कुछ टैक्स का कार्य फंस गया था। इसके लिए और रुपये भेजे तो 20 गाड़ी भेज देंगे। यह सुन उन्होंने फिर तीन बार में 20 लाख रुपये तत्काल खाते में भेज दिया।
15 दिन तक कोई गाड़ी नहीं भेजी गई तो उनको शक हुआ। उन्होंने दोबारा उस नंबर पर फोन किया तो वह बंद बताने लगा। एजेंसी में ईमेल भी किया, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया तो उन्होंने इसकी शिकायत परिक्षेत्रीय साइबर थाने में की। निरीक्षक श्याम बहादुर सिंह यादव ने बताया कि शिकायत मिलने पर टीम सक्रिय हो गई और छानबीन शुरू की गई। पुलिस आरोपित तक पहुंच चुकी थी। इसी बीच झारंखंड की पुलिस उन तक पहुंच गई और दो लोगों गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि झारखंड सहित देश के आधा दर्जन प्रांतों के जनपदों के लोगों से करीब पांच करोड़ रुपये से अधिक की ठगी(Cyber Thugs) की गई है।