नई दिल्ली। कोरोना महामारी से पहले से जूझ दिल्ली रही है। अब बदलते मौसम के साथ प्रदूषण का स्तर भी दिल्ली में बढ़ता जा रहा है। यहां की हवा में तेजी से घुलते जहर के कारण लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, आज आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 431, जहांगीरपुरी में 465, पंजाबी बाग में 426 और रोहिणी में 424 रिकॉर्ड किया गया है, जोकि प्रदूषण की गंभीर श्रेणी को दर्शाता है।
राजधानी में बीते शनिवार को प्रदूषण का स्तर काफी खराब श्रेणी में दर्ज किया गया, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक,शनिवार को पंजाबी बाग क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 438 में दर्ज किया गया, जबकि आईटीओ में 432, जहांगीरपुरी में 458, वजीरपुर में एक्यूआई 430 रिकॉर्ड किया गया, जो प्रदूषण की गंभीर श्रेणी को दर्शाता है।
Delhi: Pollution continues to affect the quality of air in the national capital.
Air Quality Index (AQI) is at 431 in Anand Vihar, 465 in Jahangirpuri, 426 in Punjabi Bagh and 424 in Rohini, all in 'severe category', as per Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/7EAbqgnEaN
— ANI (@ANI) November 8, 2020
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। साथ ही आखों में जलन की शिकायत भी देखने को मिल रही हैं। दिल्ली से सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरूग्राम समेत कई इलाकों में प्रदूषण की बढ़ती रफ्तार के कारण ये रेड जोन में ही चल रहे हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु संस्था ‘सफर’ के मुताबिक, दिल्ली से सटे राज्यों में पराली जलाने के करीब 3225 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
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वहीं दूसरी ओर दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार अलर्ट मोड पर है। राजधानी में नए औद्योगिक क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के विनिर्माण इकाई को इजाजत नहीं है। इस मुद्दे पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि प्रदूषण फैलाने वाली मौजूदा विनिर्माण इकाइयों को सेवा या हाईटेक उद्योग में परिवर्तन करने का विकल्प दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक गतिविधि या कोई भी नया इंडस्ट्रियल जोन बनेगा। तो वहां पर केवल और केवल सर्विस इंडस्ट्री और हाईटेक इंडस्ट्री को ही अनुमति दी जाएगी। फिलहाल, दिल्ली में नई मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को खोलने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
दिल्ली सरकार ने दिल्लीवासियों से इस दिपावली पर पटाखे नहीं जलाने की अपील की है। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण का जिक्र करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी हम साथ मिलकर दिवाली मनाएंगे, लेकिन पटाखे नहीं जलाएंगे। उन्होंने कहा कि इस समय दिल्ली में कोरोना और प्रदूषण का कहर बढ़ता जा रहा है। दिल्ली सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।