लखीमपुर। भाकियू में टिकैत गुट के जिला अध्यक्ष और लखीमपुर हिंसा के गवाह दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) पर हमले के मामले में जांच कर ही पुलिस का दावा है कि दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) पर किसी ने हमला नहीं किया बल्कि उसने ही खुद पर हमला किया। ताकि उसे हथियार का लाइसेंस मिल सके।
दिलबाग सिंह पर 1 जून को हमला हुआ थाऔर उसका दावा था कि उसकी कार पर तीन राउंड गोलियां चलाई गईं। दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) ने घटना गोला कोतवाली क्षेत्र के भदेंड गांव के पास बताई थी। लेकिन अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और जांच में ये बात सामने आ रही है कि दिलबाग सिंह ने खुद पर हमला कराया था ताकि उसे हथियार का लाइसेंस मिल सके।
जानकारी के मुताबिक दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक जून को उस पर हमला किया गया और उसको निशाना बनाते हुए उसकी कार पर फायरिंग की गई। फायरिंग के निशान उसकी कार में हैं। गौरतलब है कि दिलबाग सिंह लखीमपुर खीरी में पिछले साल हुई हिंसा का गवाह है।
दिलबाग सिंह पर हमले की जांच पुलिस कर रही थी और अब पुलिस का कहना है कि दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) ने हथियारों का लाइसेंस बनवाने के लिए खुद हमला किया था। असल में पुलिस अफसरों ने बैलिस्टिक विशेषज्ञ टीम द्वारा दी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार ये बात कही है और ये टीम दिलबाग सिंह द्वारा हमले के खिलाफ की गई शिकायत की जांच कर रही थी। लखीमपुर खीरी हिंसा से जुड़ा हुआ मामला होने के कारण पुलिस इस मामले में सोच समझकर तहकीकात कर रही थी।
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पुलिस ने दिलबाग सिंह(Dilbag Singh) पर हमले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद बाद जांच शुरू कर दी थी और इस संबंध में पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने किसान नेता के दो दोस्तों के बयान भी दर्ज कराए थे। इन दोनों दोस्तों के नाम दिलबाग सिंह ने अपनी शिकायत में भी बताए थे। दिलबाग सिंह ने दोनों दोस्तों के नाम जितेंद्र और विपिन थे।
दोस्तों ने ही खोला साजिश का राज
जब पुलिस ने शिकायतकर्ता दिलबाग सिंह (Dilbag Singh) के दोस्तों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि हथियार का लाइसेंस हासिल करने के लिए उसने ये साजिश रची थी और हमले को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। दिलबाग सिंह का कहना था कि पीछे से दो लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए और उन्होंने कार में फायरिंग की। लेकिन इस हमले में उसे नुकसान नहीं पहुंचा।