उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार राज्य के विश्वविद्यालयों में सकारात्मक बदलाव की दिशा में आगे बढ़ चुकी है और नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलाव लाए जा रहे है।
राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल की वर्चुअल उपस्थिति एवं प्रमुख शिक्षाविद प्रो0 एम एन पटेल ,कुलपति प्रो नरेन्द्र कुमार तनेज,की उपस्थिति में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि इस बात के पुरजोर प्रयास हो रहे हैं कि प्रदेश में विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा के अवसर मिल सकें। उच्च शिक्षा का तेजी से प्रसार सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ तालमेल पर भी जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले के समय में गावों में बालिकाओं की शिक्षा पर जोर नहीं दिया जाता था तथा उन्हें सामाजिक सहभागिता से भी दूर रखा जाता था लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि आज लडकियां हर क्षेत्र में सफलता के नित नए कीर्तिमान बना रही हैं। यह हर्ष का विषय है कि यहां पर मेडल पाने वालों में छात्राएं अधिक हैं। उन्होंने छात्रों से भी और अधिक मेहनत करने की अपील की।
डा0 शर्मा ने कहा कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एक ऐसा विश्वविद्यालय है जिसमें 4000 से अधिक विद्यार्थी 250 से अधिक शिक्षक हैं। यह सौर ऊर्जा से आच्छादित है। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति द्वारा विश्वविद्यालयों को क्षय रोग के निदान में भूमिका निभाने को कहा गया था जिसमें यह विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्र नियमितीकरण , समय पर परीक्षा , नए पाठयक्रमों के संचालन तथा रोजगार परक शिक्षा के क्षेत्र में भी इस विश्वविद्यालय ने काफी अच्छा काम किया है। कोरोना काल में पठन पाठन में व्यवधान नहीं हुआ तथा आनलाइन शिक्षा की सुचारू व्यवस्था विश्वविद्यालय में बनी रही है।
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उन्होंने कहा कि आनलाइन सम्बद्धता,आनलाइन कक्षाए व आनलाइन प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था सभी राज्य विश्वविद्यालयों में लागू हुई है। नकलविहन परीक्षा के साथ सुधार भी तेज हुए हैं। नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठयक्रम में बदलाव किए जा रहे हैं। सभी विश्वविद्यालयों से 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम एक समान रखते हुए 30 प्रतिशत पाठयक्रम अपने हिसाब से बनाने को कहा गया है।
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि वर्चुअल क्लासरूम के साथ ही ई-लर्निंग की व्यवस्था ठीक प्रकार से लागू हो। क्षेत्रीय भाषा के साथ विदेशी भाषा के अध्यापन का कार्य सभी विश्वविद्यालयों में शुरू हो सके । प्रयास किसा जा रहा है कि औद्योगिकि प्रतिष्ठानों के साथ विश्वविद्यालयों का तालमेल बढे। शोध को प्रोत्साहन के साथ ही शोध पत्रों को शोध गंगा पोर्टल पर अपलोड कराया जा रहा है जिससे कि गुड प्रेक्टिस को अन्य जगहों पर भी अपनाया जा सके। सभी राज्य विश्वविद्यालयों में दीनदयाल शोध पीठ की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि रज्जू भय्या विश्वविद्यालय में एक ऐसा संस्थान बनाया है जिसमें विज्ञान के क्षेत्र में शोध किया जाएगा।