दीवाली के त्यौहार पर लोग अपने घरों व दफ्तरों को सजाते हैं। ज्यादातर महिलाएं इस दिन घरों के आंगन व मुख्य द्वार पर रंगोली बनाती हैं जिससे ना केवल घर की सुंदरता बढ़ती है बल्कि वास्तु शास्त्र के मुताबिक रंगोली हमारे जीवन पर भी व्यापक प्रभाव डालती है।
इस बार दीवाली 14 नवंबर को है और हम चाहते हैं कि आप इस बार वास्तु के अनुरूप ही रंगोली बनाए जिससे आपके जीवन में खुशियां, समृद्धि और उपलब्धियों की कोई कमी ना रहे। इसीलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दीवाली वास्तु का ध्यान रखते हुए किस तरह की रंगोली आपको बनानी चाहिए।
पूर्व मुखी घर
अगर आपका घर पूर्वमुखी है तो आपको अंडाकार डिजाइन में रंगोली बनानी चाहिए। क्योंकि घर में सौहार्दपूर्ण वातावरण के साथ साथ मान-सम्मानमें बढ़ोतरी होती है। कहा जाता है कि इस दिशा में रंगोली बनाने के लिए लाल,पीला,हरा,गुलाबी,नारंगी रंगों का इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
पश्चिम मुखी घर
इस दिशा में रंगोली बनानी हो तो पंच कोणों वाली रंगोली उत्तम रहेगी। साथ ही इसके लिए सुनहरे व सफ़ेद रंगों का इस्तेमाल करना उचित रहता है। वहीं गोलाकार रंगोली भी बनाई जा सकती है जिसके लिए लाल, पीला, भूरा, हल्का हरा जैसे रंगों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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उत्तर मुखी घर
उत्तर दिशा की ओर घर का मुख्य द्वार है तो लहरीदार डिजाइन से रंगोली बनाएं और साथ ही पीले, हरे,आसमानी व नीले रंगों का इस्तेमाल करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
दक्षिण मुखी घर
इस दिशा में आयताकार शेप की रंगोली अति शुभदायी होती है। और रंगो में आप गहरा लाल,नारंगी,गुलाबी एवं बैंगनी रंगों का इस्तेमाल करें। इससे जीवन में सुरक्षा व आत्मविश्वास बढ़ता है।
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नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर
कहते हैं रंगोली केवल घर की साज सज्जा के लिए ही नहीं बनाई जाती बल्कि इसके अनेको फायदे हैं। कहते हैं इससे घर व आस पास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं साथ ही ये रंग शुभता के प्रतीक माने जाते हैं जिससे घर पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है। इसीलिए रंगों के अलावा रंगोली बनाने में आटा, चावल, हल्दी, कुमकुम, फूल-पत्तियों व दूसरे प्रकार के रंगों का इस्तेमाल भी किया जाता है।