हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है। शुभ मुहूर्त में किए गए काम की शुभता बनी रहती है। हर माह में कई शुभ और अशुभ मुहूर्त पड़ते हैं। अशुभ समय में किए कामों से मनचाहा नतीजा नहीं मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि हर माह में पांच दिन ऐसे पड़ते हैं, जिसमें कोई शुभ काम नहीं होता है।
हिंदू धर्म शास्त्रों में हर माह पड़ने वाले इन पांच दिनों को पंचक (Panchak) के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि और नक्षत्र परिवर्तन कर लेता है। वहीं पंचक तब लगता है जब चंद्रमा घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र से गुजरता है। ऐसे में आइए जानते हैं मार्च माह में पंचक कब लग रहा है। इस दौरान क्या काम नहीं करने चाहिए।
मार्च में कब लग रहा है पंचक (Panchak) ?
वैदिक हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्च में पंचक (Panchak) की शुरुआत बुधवार, 26 मार्च यानी कल दोपहर 3 बजकर 20 मिनट से हो जाएगी। बुधवार या बृहस्पतिवार को लगने वाला पंचक अधिक अशुभ नहीं माना जाता। वहीं इस पंचक का समापन रविवार, 30 मार्च को शाम 4 बजकर 37 मिनट पर होगा। ये मार्च माह में लगने वाला दूसरा पचंक है। इससे पहले मार्च का पहला पंचक 27 फरवरी से लगा था, जोकि 3 मार्च को समाप्त हुआ था।
पंचक (Panchak) के दौरान न करें ये कार्य
पंचक (Panchak) के दौरान चारपाई बनाना या बनवाना अशुभ होता है। मान्यता है कि इससे संकट आ सकता है। इस अवधि में शुभ काम जैसे- विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नए काम की शुरुआत नहीं की जाती। इस अवधि में पैसों से जुड़ा लेन-देन नहीं किया जाता। ऐसा करने पर धन हानि होने की संभावना रहती है।
पंचक (Panchak) के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं की जाती। पंचक में दक्षिण दिशा की तरफ यात्रा करना अशुभ होता है। अगर इस दिशा में यात्रा करनी पड़े तो पहले हनुमान जी की पूजा करें। इस अवधि में लकड़ी इकट्ठा नहीं की जाती। साथ ही छत भी नहीं बनवाई जाती।