छठ पूजा (Chhath Puja) पर्व पवित्र त्योहारों में से एक माना जाता है। यह त्योहार सूर्यदेव और षष्ठी माता को समर्पित होता है। छठी मैया को संतान की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है। उत्तर भारत और बिहार में छठ पूजा को लेकर ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है। नहाय खाय को छठ पूजा (Chhath Puja) उत्सव की शुरुआत माना जाता है।
छठ पूजा (Chhath Puja) में ध्यान रखें ये बातें
छठ पूजा (Chhath Puja) का प्रसाद बनाते समय चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। मिट्टी के चूल्हे और बर्तनों का ही इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
छठ पूजा (Chhath Puja) व्रत नियम
छठ पर्व (Chhath Puja) की पूजा के दौरान व्रती को सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले कुछ भी नहीं खाना चाहिए, साथ ही इस दौरान जमीन पर ही सोना चाहिए। इसके अलावा अरवा चावल और सेंधा नमक का उपयोग छठ पूजा से करीब 10 दिन पहले ही शुरू करना चाहिए।
प्रसाद से जुड़े नियम
छठ पूजा (Chhath Puja) में पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है। छठ पूजा (Chhath Puja) के लिए प्रसाद बनाते समय इसे गलती से भी खराब या जूठा न करें और इसे बनाने से पहले कुछ भी नहीं खाना चाहिए। अपनी साफ-सफाई का ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखें। इसके अलावा जिस स्थान पर प्रसाद बनाया जाए, वह स्थान भी बिल्कुल साफ-सुथरा होना चाहिए।