कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। इस बार कार्तिक मास की पूर्णिमा का स्नान 19 नवंबर को किया जाएगा। कार्तिक का माह शुरु होते ही एक के बाद एक त्योहार आरंभ हो जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा इस माह का अंतिम पर्व होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का अंत किया था, जिसके कारण उनका नाम त्रिपुरारी पड़ा। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली भी मनाई जाती है। इस दिन दान और स्नान का बहुत महत्व माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ कार्य अवश्य करने चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा पर अपने घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करनी चाहिए। इस दिन घर को व्यवस्थित रखना चाहिए और अपने मुख्य द्वार को भी सजाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। जिससे आपके घर में समृद्धि आती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान अवश्य करना चाहिए। इस दिन दीपदान करने का बहुत महत्व माना गया है, आप किसी नदी या सरोवर में दीपदान कर सकते हैं। यदि आपके घर के पास नदी नहीं है तो आप किसी मंदिर में जाकर दीपदान करें। इससे आपकी परेशानियां दूर होती हैं। परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
पूर्णिमा के दिन अपने घर के मुख्य द्वार के सामने स्वास्तिक अवश्य बनाएं। इस दिन विष्णु भगवान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें। मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और भगवान विष्णु की कृपा से आपके घर में सुख का वास होता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन चावल, दूध और शक्कर का दान करना चाहिए। थोड़ी सी शक्कर दूध और चावल नदी में भी प्रवाहित करना चाहिए। इससे आपको पुण्य फल की प्राप्ति होती है।








