लखनऊ। यूपी में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों (Doctor) की हाजिरी और गैर-हाजिरी अब उनके मोबाइल की लोकेशन तय करेगी। ड्यूटी पर पहुंचते वक्त उन्हें अपनी मोबाइल लोकेशन ऑन रखनी होगी। बस इसी से उनकी उपस्थिति दर्ज हो जाएगी। साथ ही महानिदेशालय से लेकर शासन में बैठे अफसरों तक उनके ड्यूटी पर होने या न होने की जानकारी मिल जाएगी।
अस्पतालों (Doctors) में डॉक्टरों और स्टाफ की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने को स्वास्थ्य विभाग यह नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। पहले दो जिलों से पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है।
राज्य सरकार का जोर इस बात पर है कि दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को घर बैठे इलाज मिल सके। इस काम में पहला सबसे बड़ा रोड़ा यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाफ की कमी है। जो स्टाफ है भी उनमें से बहुत से लोग जाते ही नहीं। सरकार के लिए पूरे प्रदेश में सबकी उपस्थिति चेक कर पाना संभव नहीं है। इस काम को अब तकनीक की मदद से अंजाम दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए एक मोबाइल एप विकसित करा रहा है।
बाराबंकी-सुल्तानपुर में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
इस एप को डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को अपने मोबाइल में डाउनलोड करना होगा। उसके बाद वे लोग जैसे ही अपने अस्पताल पहुंचा करेंगे, लखनऊ में बैठे अधिकारियों को डैशबोर्ड पर उनकी उपस्थिति का पता चल जाएगा। जिनकी लोकेशन का पता नहीं चलेगा, उन्हें गैरहाजिर माना जाएगा।
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स्वास्थ्य विभाग यह नया प्रयोग पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बाराबंकी और सुल्तानपुर से शुरू करने जा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा दोनों जिलों के सीएमओ को मानव संपदा पोर्टल पर सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का डाटा अपडेट कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि इसी डाटा को मोबाइल एप्लीकेशन के साथ लिंक किया जा सके।