धर्म डेस्क। हमारे जीवन में कुछ ऐसी बातें होती हैं जिन्हें हम राज रखना चाहते हैं। लेकिन कई बार हम बिना सोच-समझकर अपनी गुप्त बातों को ऐसे लोगों के साथ साझा कर देते हैं जिन्हें वे सार्वजनिक कर देते हैं। विदुर नीति के अनुसार तीन प्रकार के लोगों को अपनी राज की बातें कभी भी नहीं बतानी चाहिए। विदुर नीति महाभारत के अहम पात्र महात्मा विदुर के द्वारा रचित नीति ग्रंथ है। इसमें समाज और लोगों के कल्याण के लिए बहुत सारी बातें नीतियों के रूप में बताई गई हैं। चाणक्य बेहद विद्वान और कुशल रणनीतिकार थे। कहते हैं महात्मा विदुर की समझदारी और भगवान श्रीकृष्ण का साथ पाकर पांडवों ने महाभारत युद्ध में कौरवों को परास्त कर दिया था। महात्मा विदुर ने ऐसे तीन लोगों को कभी भी राज की बातों को बताने से मना किया है।
विदुर नीति के अनुसार, जो व्यक्ति लालची स्वभाव का हो, ऐसे व्यक्ति को कभी अपनी राज की बातें नहीं बतानी चाहिए। महात्मा विदुर ने बताया है कि लालची व्यक्ति किसी के विश्वासपात्र नहीं बन सकते हैं। ऐसे व्यक्ति थोड़े से लालच के चक्कर में अपना ईमान बेच देते हैं।
चालाक व्यक्ति को कभी भी अपने राज नहीं बताने चाहिए। विदुर ने बताया है कि जो लोग चालाक होते हैं ऐसे लोग वास्तव में राज को बताने के लायक नहीं होते हैं। ऐसे व्यक्ति को अपने जीवन में महत्व दे रहे हैं तो आपको सोच समझकर यह कार्य करना चाहिए।
बातूनी स्वभाव के लोगों को कभी भी अपने राज नहीं बताने चाहिए। महात्मा विदुर ने बताया है कि अधिक बोलने वाले व्यक्ति आराम से किसी की भावनाओं और विचारों को सुनकर समय आने पर उसे अपने हित में उपयोग करने की कोशिशें करता है।