देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मामलों के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की प्रभावी दवा के रूप में मांग काफी बढ़ गई है। इस कारण इसकी कालाबाजारी भी तेजी से बढी है। लोगों को इस तथ्य से अवगत कराते हुए इस बीच इंडियन नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आर आर सिंह (Dr R R Singh) ने बुधवार को बड़ा बयान दिया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) कोविड की कोई प्रभावी दवा नहीं बल्कि यह केवल एक एंटीवायरल दवा है। इससे पूर्व जिलाधिकारी ने भी बीते रोज यह स्पष्ट करते हुए इसके विकल्पों पर बात की थी।
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डॉ. सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि रेमडेसिविर कोई कोरोना की दवा नहीं है। इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि इस दवा से लोगों की जान बचायी जा सकती है। कई डॉक्टर खुद ही इस दवा की सलाह नहीं दे रहे हैं। मैंने खुद 57 गंभीर कोविड मरीजों को बिना इस इंजेक्शन के सही किया है।
कई बार मरीज के साथ वाले लोग ही दबाव बनाते हैं कि हम व्यवस्था करा लेंगे आप बस बताइये। जिन मरीज को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है उनके साथ सिर्फ एक नहीं बल्कि और भी बीमारियाँ हैं। ऐसे में सिर्फ रेमडेसिविर नहीं बल्कि बहुत सी एंटी वायरल ड्रग उपलब्ध हैं जो उपचार में इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
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डॉ.सिंह बताते हैं कि वर्तमान में कोविड के साथ जो एक गंभीर रोग देखा जा रहा हैं वह निमोनिया का हैं। कई बार मरीज़ की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव होती हैं लेकिन वह गंभीर निमोनिया के कारण बच नहीं पाता। दरअसल मरीज के जिस हिस्से में निमोनिया होता है वहां ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पाती और ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। ऐसे में मरीज घबरा जाता है कि उसकी ऑक्सीजन 90 प्रतिशत नहीं आ रही है।
निमोनिया के बाद भी बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है। अगर इन मरीजों को अच्छी एंटीबायटिक दवाओं के साथ गंभीर हालत में लो डोज स्टेरोआइड, हेवी डोज विटामिन सी दे दिया जाए तो मरीज ठीक हो सकता है। 80 प्रतिशत इस तरह के मरीज घर पर ही सही हो सकते हैं।
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घर पर रहकर बिना परेशान हुये करें उपचार अगर किसी को बुखार या कोविड के लक्षण हैं तो वह पैरासीटामॉल के साथ, विटामिन सी, डी और एंटीवायरल ले लें और नियमित तौर पर गरारे और भाप ले, अगर ऐसे में बुखार नहीं जा रहा है तो डॉक्टर की सलाह पर जरूरी जांच करा सकते हैं।