पटना। बिहार विधानसभा में बुधवार को भी हंगामा जारी है। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस और राजद के विधायकों ने परिसर में अपनी आंखों पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। इन विधायकों की मांग थी कि मंगलवार को विधानसभा में विधायकों के साथ हुई मारपीट की घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं विधानसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्ष ने उसका बहिष्कार कर दिया। विपक्ष की ओर से एक भी विधायक ने विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लिया। विधानसभा परिसर में विपक्ष की एक महिला विधायक ने हाथों में चूड़ियां लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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विपक्षी सदस्यों के गैरहाजिर रहने के बाद भी प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हो गई। सत्ता पक्ष के विधायक संजय सरावगी ने श्रम संसाधन विभाग के तहत आईटीआई से जुड़े सवाल को लेकर घेरा। श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि जिन संस्थानों ने फर्जी तरीके से निबंधन कराया वैसे संस्थानों पर कार्रवाई होगी। बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने सदन में कहा कि इस संबंध में जांच कराई गई और 200 संस्थानों में गड़बड़ी मिली लेकिन वैसे संस्तानों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। विस अध्यक्ष ने विभागीय मंत्री को कहा कि एक महीना के अंदर कार्रवाई से संबंधित जानकारी दें।
बता दें कि विधान सभा में मंगलवार को हुई घटना पर चर्चा को परिषद सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाया। विरोध में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी किया हंगामा। सभापति ने सदन की कार्यवाही 2.30 बजे तक के लिए स्थगित किया। स्थगन के बाद भी वेल में विपक्ष धरने पर बैठा।
विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा परिसर में एक समानांतर सदन की कार्यवाही शुरू की है। इस सदन में सभा अध्यक्ष राजद विधायक भूदेव चौधरी को बनाया गया है। सभी विधायक भूदेव चौधरी से पटना के डीएम एसपी को बर्खास्त कराने का निर्देश देने की मांग कर रहे हैं।
जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि कुछ आतंक परस्त लोग नहीं चाहते कि बिहार सुरक्षित रहे, इसलिए सशस्त्र पुलिस विधेयक के विरोध की आड़ में सदन के अंदर स्पीकर को बंधक बना लिया गया। प्रदर्शन के नाम पर जनता को परेशान किया गया।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू, विपक्ष ने किया बहिष्कार, विपक्ष का एक भी सदस्य सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने नहीं पहुंचा। बिहार विधानसभा परिसर में कांग्रेस और राजद विधायकों ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन। मंगलवार को विधानसभा में विधायकों संग हुई मारपीट के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देखते रहे, इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा : राबड़ी देवी
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने किया ट्वीट कि विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा। सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज़ के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, अवर्णीय तरीक़े से बदसलूकी की गयी और नंगई की पराकाष्ठा पार कर चुके नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देखते रहे। सत्ता आनी-जानी है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा।
विधानसभा में महिला विधायकों का चीरहरण होता रहा।सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज़ के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, अवर्णीय तरीक़े से बदसलूकी की गयी और नंगई की पराकाष्ठा पार कर चुके नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देखते रहे।
सत्ता आनी-जानी है लेकिन इतिहास तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेगा pic.twitter.com/kbl9L4K5Z6
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) March 24, 2021
वहीं बिहार में विपक्षी पार्टियों ने मिलकर एक साझा बयान जारी किया है। इस बयान में लिखा गया है कि यह एक असंवैधानिक विधेयक है जो पुलिस बल को सशस्त्र नागरिक सेना में तब्दील कर देगा, जो सच बोलने की हिम्मत करने वाले लोगों पर खदेड़ेंगे। वहीं विपक्षी पार्टियों ने बिहार विधानसभा में हुए हंगामे की निंदा की है।
"This is an unconstitutional bill that transforms police force into an armed militia to crack down on.. those who dare to speak truth to power," reads a joint statement by Opposition parties (RJD, SP, Congress & others) as they condemn yesterday's attack on MLAs in Bihar Assembly pic.twitter.com/cZwEobXYGA
— ANI (@ANI) March 24, 2021