दशहरा (Dussehra) को विजयदशमी भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दशहरा को हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में दशहरा का बहुत अधिक महत्व होता है। असत्य पर सत्य की जीत के रूप में इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया और मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत किया था। दशहरा के दिन भगवान श्री राम की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल दशहरा 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
दशहरा (Dussehra) पूजा विधि-
1. दशहरा की पूजा हमेशा अभिजीत, विजयी और अपराह्न काल में की जाती है।
2. अपने घर के ईशान कोण में दशहरा पूजन करें।
3. पूजा स्थल को गंगा जल से पवित्र करें।
3. कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल बनाएं इसके बाद देवी अपराजिता से सुख-समृद्धि की कामना करें।
4. अब भगवान राम और हनुमान जी की पूजा करें।
5. अंत में माता की आरती करें और भोग का प्रसाद वितरित करें।
दशहरा (Dussehra) का महत्व
दशहरा (Dussehra) पर अस्त्र-शस्त्र की पूजा भी की जाती है। दशहरा पर सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस दिन पुस्तकों, वाहन आदि की पूजा भी की जाती है। दशहरा के दिन हनुमान जी की पूजा करना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
रावण दहन की लकड़ी को घर लेकर आना शुभ माना जाता है। इस दिन शमी के पेड़ के पूजन का विशेष महत्व है। दशहरा पर घर में रंगोली बनाएं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दिन हलवा बनाकर परिवार के सदस्यों को साथ खाना चाहिए, इससे परिवार में मधुरता बनी रहती है।