लखनऊ। यूपी में बिजली दरों में कटौती की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से एक प्रस्ताव व मांगपत्र विद्युत नियामक आयोग को सौंपा गया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी के मददेनजर पूरे देश के अनेकों राज्यों में बिजली दरों में की गई है।
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उत्तर प्रदेश में भी इसकी आवश्यकता है। इसके लिए उपभोक्ता परिषद ने लोगों की राय लेते हुए बिजली दरों का एक प्रस्ताव भी आयोग को सौंपा है। उधर मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उपभोक्ता परिषद की दरें कम करने की मांग का समर्थन किया है।
जनता कहती है- यूपी में बिजली की दरें कम्पनियों के फायदे के लिए बढ़ाई गईं हैं।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से घरेलू फिक्स्ड चार्ज व कामर्शियल न्यूनतम चार्ज ख़तम करने व किसानों के लिए बिजली दरों में कमी किए जाने की मांग एकदम जायज है।
सरकार को इसपर विचार करना चाहिए।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 12, 2020
मांग पर सरकार विचार करे सरकार
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, ‘जनता कहती है- यूपी में बिजली की दरें कम्पनियों के फायदे के लिए बढ़ाई गईं हैं। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से घरेलू फिक्स्ड चार्ज व कामर्शियल न्यूनतम चार्ज खत्म करने व किसानों के लिए बिजली दरों में कमी किए जाने की मांग एकदम जायज है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में बिजली कम्पनियों द्वारा वर्ष 2020-21 के लिये दाखिल एआरआर व बिजली दर प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा द्वारा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से आज अपनी आपत्तियां और जनहित के प्रस्ताव को विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष आरपी सिंह को सौंपा गया। इसमें अनुरोध किया गया है कि जनहित में बिजली दरें कम कराएं। आयोग चेयरमैन ने विचार करने का आश्वासन दिया है।
बिजली दरों में कमी और रेट शेड्यूल भी सौंपा
उपभोक्ता परिषद ने मंगलवार को नियामक आयोग के सामने घरेलू ग्रामीण व शहरी विद्युत उपभोक्ताओं किसानों की बिजली दरों में कमी का एक रेट शेडयूल भी आयेाग के सामने प्रस्तुत किया। उपभोक्ता परिषद के अनुसार कोरोना महामारी के मददेनजर पूरे देश के अनेकों राज्यों में बिजली दरों में की गई। प्रदेश के उपभोक्ताओं से राय के बाद ये बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव दाखिल किया गया है। इसमें विगत वर्ष नियामक आयेाग द्वारा उपभोक्ताओं का बिजली कम्पनियों पर निकले रू 13337 करोड़ के आधार पर प्रस्तावित किया गया है और आयोग से इसी रेट शेडयूल पर आम जनता से चर्चा कराने की मांग भी की गई है।