घर में रखी वस्तुओं का भी हमारे जीवन पर नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि आपक नकारात्मक वस्तुओं की पहचान करके उन्हें घर से निकालकर हमारी बताई वस्तुएं रखें। घर के वास्तु दोष को दूर करने और सुंदरता बढ़ाने के लिए आप अपने घर में 5 वास्तुएं रख सकते हैं।
हाथी (Elephant) की मूर्ति-
समुद्र मंथन के दौरान ऐरावत नाम का सफेद हाथी (Elephant) निकला था जिसे इंद्र ने अपने पास रख लिया था। घर में चांदी का हाथी रखने से जहां राहु एवं केतु के प्रकोप शांत होता है वहीं घर में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है। चांदी का नहीं तो तांबे या पीतल का रख सकते हैं। विष्णु तथा लक्ष्मी को हाथी प्रिय रहा है। शक्ति, समृद्धि और सत्ता के प्रतीक हाथी को भगवान गणेश का रूप माना जाता है। घर में ठोस चांदी का हाथी (Elephant) रखने से राहू शांत रहता है और घर में सुख शांति के साथ धन समृद्धि बनी रहती है। हाथी कम से कम 4 से 5 इंच का होना चाहिए।
मंगल कलश-
समुद्र मंथन के दौरान अंत में भगवान धन्वंतरि देव अमृत से भरा कलश लेकर निकले थे। देवता और असुरों के कारण कलश के अमृत की बूंदे जहां गिरी थी वहां कुंभ का आयोजन होता है। हिन्दू धर्म में तांबे या पीतल के कलश की घर के ईशान कोण में स्थापना करने से स्थाई रूप से धनलक्ष्मी का वास होता है और मंगल ही मंगल होता है।
कलश को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे ईशान कोण में अष्टदल कमल बनाकर स्थापित किया जाता है। इसमें जल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर फिर आम के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रखा जाता है। कलश पर रोली, स्वस्तिक का चिह्न बनाकर, उसके गले पर मौली (नाड़ा) बांधी जाती है।
बांसुरी और शंख-
बांसुरी से जहां वास्तुदोष दूर होता है। वहीं, दरिद्रता दूर होकर धन-समृद्धि बढ़ती है। बांसुरी को घर की पूर्व, ईशान या उत्तर दिशा में रखना चाहिए। जिस घर में शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास होता है। इसे घर में रखने से धन की कमी नहीं होती है।
हंस का जोड़ा-
घर में अतिथि कक्ष में हंस के जोड़ों की मूर्ति स्थापित करें जिससे अपार धन समृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएगी और घर में हमेशा शांति बनी रहेगी। दो हंसों के जगह आप दो बत्तख या दो सारस के जोड़े की मूर्ति भी लगा सकते हैं। इससे दांपत्य जीवन में भी सामंजस्य बना रहता है।
कछुआ-
धातु का कछुआ उन्नती के साथ ही धन-समृद्धि का योग बनता है। इसे रखने से आयु भी लंबी होने की मान्यता है। पूर्व और उत्तर दिशा कछुए की स्थापना हेतु सर्वोत्तम मानी गई है। ड्राइंग रूम में कछुआ रख सकते हैं किसी पात्र में जल भरकर। कछुआ धातु का होना चाहिए लकड़ी का नहीं।