लंदन: महान इंग्लिश अंपायर डिकी बर्ड ( Dickie Bird) का मंगलवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अपने दो दशकों से ज्यादा लंबे अंपायरिंग करियर में, बर्ड ने 66 टेस्ट और 69 वनडे मैचों में अंपायरिंग की, जिसमें पहले तीन पुरुष वनडे विश्व कप फाइनल भी शामिल हैं।
यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब ने एक बयान में कहा, “डिकी बर्ड ( Dickie Bird) ने एक अंतरराष्ट्रीय अंपायर के रूप में एक शानदार करियर का आनंद लिया और खेल के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय अंपायर के रूप में अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया।”
“अपने शानदार करियर में, उन्होंने 66 टेस्ट मैचों और 69 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग की, जिसमें तीन विश्व कप फाइनल भी शामिल हैं – अपनी ईमानदारी, हास्य और बेबाक शैली के लिए खिलाड़ियों और प्रशंसकों, दोनों की प्रशंसा अर्जित की।
“वह यॉर्कशायर क्रिकेट का पर्याय हैं, जहां वह सबसे वफ़ादार समर्थकों में से एक रहे हैं। 2014 में, उन्हें यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और इस पद को उन्होंने गर्व और विशिष्टता के साथ निभाया।”
बर्ड ( Dickie Bird) ने 1956 में की थी क्रिकेट करियर की शुरुआत
अप्रैल 1933 में बार्न्सली में जन्मे बर्ड ने 1956 में स्कॉटलैंड के खिलाफ डेब्यू किया था। डेब्यू करने से पहले वह कुछ समय के लिए दिग्गज क्रिकेटर ज्योफ बॉयकॉट के साथ खेल चुके थे। उन्होंने 32 वर्ष की उम्र में खेल से संन्यास ले लिया। उसके बाद वह कई साल तक कोच की भूमिका में रहे और फिर उन्होंने अंपायरिंग में 1973 में अपने करियर की शुरुआत की। यॉर्कशायर के लिए उन्होंने कुल 93 फर्स्ट क्लास मैच खेले और इस दौरान 3,314 रन बनाने में कामयाब रहे।
अंपायर बनते ही पलटी किस्मत
मगर यहीं से उनके करियर का ग्राफ बदला, जब उन्होंने अंपायरिंग में हाथ आजमाया। सिर्फ 37 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार 1970 में काउंटी चैंपियनशिप मैच में अंपायरिंग की और फिर देखते ही देखते वो टेस्ट क्रिकेट में भी अंपायरिंग करने लगे। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच 1973 में हुए लीड्स टेस्ट मैच के साथ उनके टेस्ट अंपायरिंग करियर का आगाज हुआ और फिर 1996 तक वो दुनिया के सबसे मशहूर अंपायर बने रहे। भारत और इंग्लैंड के बीच 1996 में लॉर्ड्स टेस्ट में उन्होंने आखिरी बार अंपायरिंग की जिम्मेदारी संभाली। इस दौरान उन्हें दोनों टीम की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया था।
बर्ड ( Dickie Bird)पहले अंपायर थे, जिन्होंने 3 वर्ल्ड कप फाइनल में अंपायरिंग की थी। वो 1975, 1979 और 1983 में खेले गए शुरुआती 3 वर्ल्ड कप के फाइनल में मैदानी अंपायर थे। इसमें से तीसरा फाइनल, जो उनका आखिरी भी था, उसमें कपिल देव की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2 बार की चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाई थी। डिकी बर्ड ने कुल 66 टेस्ट और 69 वनडे मैच में अंपायरिंग की और इस दौरान सबसे बेहतरीन, सफल और लोकप्रिय अंपायर बनकर उभरे।