• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Child Safety Policy
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

रेन गेज यंत्र से किसानों को मिलेगी वर्षा की सटीक जानकारी

Writer D by Writer D
21/08/2022
in उत्तर प्रदेश, लखनऊ
0
rain gauge

rain gauge

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने प्रदेश के कुछ जिलों में अल्प वर्षा के कारण होने वाली समस्याओं से प्रदेश के अन्नदाता किसानों को निजात दिलाने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा है कि अल्प वर्षा के कारण किसी भी अन्नदाता किसान का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को विकास खंड स्तर पर रेन गेज (Rain Gauge) की संख्या बढ़ाने को कहा है।

गौरतलब है कि रेन गेज (Rain Gauge) वर्षा मापने का यंत्र है, जिससे कम या ज्यादा दोनों तरह की वर्षा का सटीक आंकलन किया जाता है। इस आंकलन के आधार पर तैयार डाटा की जानकारी किसानों के काफी काम आ सकती है। वह फसल की बोआई को लेकर चौकन्ना रह सकता है और संभावित नुकसान को कम कर सकता है। अभी तक तहसील स्तर पर रेन गेज सिस्टम लगाए थे और अब विकास खंड स्तर पर इन्हें बढ़ाए जाने से ब्लॉक व ग्राम पंचायतों तक ज्यादा से ज्यादा अन्नदाता किसानों को वर्षा की सटीक जानकारी मिल सकेगी।

300 रेन गेज (Rain Gauge) हो रहे संचालित

उत्तर प्रदेश मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक प्रदेश में स्वचालित और मैनुअल दोनों तरह के रेन गेज (Rain Gauge) संचालित किए जा रहे हैं। रेन गेज (Rain Gauge) के जरिए हम जान सकते हैं कि एक निश्चित स्थान पर कितने मिमी बारिश हुई है। प्रतिवर्ष किसी खास महीने में कितनी बारिश हुई है, इसका डाटा किसानों के काम आ सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए वह बोआई कर सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनुमानित 300 से 400 के बीच रेन गेज यंत्र संचालित हो रहे हैं। प्रत्येक ब्लॉक में यंत्र लगाए जाने के लिए हमें देखना होगा कि किन ब्लॉक में यंत्र लगे हैं और कहां नहीं।

मौसम विभाग जारी करता है अलर्ट

उत्तर प्रदेश मौसम विभाग अलग-अलग नोडल अफसरों के जरिए जिले स्तर पर प्रतिदिन, साप्ताहिक एवं सत्र स्तर पर मौसम का बुलेटिन जारी करता है। वहीं, ब्लॉक स्तर पर भी विभाग की ओर से मौसम का पूर्वानुमान जारी किया जाता है। हालांकि, ब्लॉक स्तर पर रेन गेज बढ़ाए जाने पर एक निश्चित स्थान पर वर्षा का सटीक आंकलन किया जा सकेगा। इससे स्थानीय किसानों को फायदा होगा और वो मौसम के अनुसार ही फसल की सुरक्षित बोआई को सुनिश्चित कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

शनिवार को उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि वर्षा मापन अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। हमारी किसान हितैषी नीतियां इसके आंकलन पर निर्भर करती हैं। वर्तमान में तहसील स्तरों पर रेन गेज़ (Rain Gauge) यानी वर्षा मापक यंत्र लगाए गए हैं, इन्हें विकास खंड स्तर पर बढ़ाये जाने की कार्यवाही की जाए। अधिकाधिक वर्षा मापक यंत्रों से वर्षा की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। मौसम का सही अनुमान अलर्ट जनजीवन के व्यापक हित को सुरक्षित करता है। अधिक सटीक अनुमान और तदनुरूप मौसम अलर्ट के लिए कमिश्नरी स्तर पर यंत्र स्थापित किए जाएं। उन्होंने किसानों को मौसम की सही जानकारी देने के लिए राज्य स्तर पर पोर्टल विकसित किये जाने की जरूरत पर भी बल दिया।

सूर्य कुंड पर प्रतिदिन आयोजित होगा भगवान श्रीराम के जीवन से संबंधित लेजर शो

क्या होता है रेन गेज (Rain Gauge) ?

जब वर्षा आती है तो सुनने को मिलता है कि इस इलाके में इतने मिलीमीटर बारिश हुई और दूसरे इलाके में इतनी। दरअसल, दिनभर में होने वाली बारिश को एक यंत्र के माध्यम से मापा जाता है, जिसे ‘रेन गेज’ या वर्षामापी यंत्र कहते हैं। रेन गेज यह बताता है कि एक निश्चत स्थान पर निश्चत समय में कितने मिमी वर्षा हुई है। एक निश्चित स्थान पर कितनी वर्षा हुई है, ये जानने के लिए रेन गेज सबसे उपयुक्त यंत्र है।

क्या है रेन गेज (Rain Gauge) का फायदा?

वर्षामापी यंत्र से वर्षा मापने के अनेक फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा अन्नदाता किसान के लिए है। इसकी मदद से किसी निश्चित स्थान की भौगोलिक परिस्थितियां मालूम हो जाती हैं। मसलन, अगर साल में किसी स्थान पर 8 इंच से कम बारिश होती है तो वह स्थान ‘रेगिस्तान’ कहलाता है। इससे वहां होने वाली कृषि पैदावार के बारे में अनुमान लगाया जाता है। ऑटोमेटिक रेन गेज से रियल टाइम डाटा जैसे तापमान, वर्षापात व आर्द्रता आदि आंकड़ों को भी प्राप्त किया जा सकता है।

Tags: cm yogifarmersLucknow Newsrain gauge
Previous Post

सूर्य कुंड पर प्रतिदिन आयोजित होगा भगवान श्रीराम के जीवन से संबंधित लेजर शो

Next Post

सिसोदिया के ‘लुकआउट सर्कुलर’ पर मचा घमासान, CBI ने कहा- ‘अभी तक’ जारी ही नहीं हुआ

Writer D

Writer D

Related Posts

उत्तर प्रदेश

घोसी विधायक सुधाकर सिंह के निधन पर एके शर्मा ने दी श्रद्धांजलि

21/11/2025
उत्तर प्रदेश

मंत्री ए.के. शर्मा ने शीतला माता मंदिर के पास हुई सड़क दुर्घटना के घायलों का लिया हाल-चाल

21/11/2025
Khadi Mahotsav
Main Slider

खादी महोत्सव का शुभारम्भ , 21 से 30 नवम्बर तक केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में चलेगी प्रदर्शनी

20/11/2025
AK Sharma
उत्तर प्रदेश

समयबद्धता और पारदर्शिता के साथ विकास कार्यों को करें पूर्ण: एके शर्मा

20/11/2025
'Yogi's UP' is setting global standards in AI
उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी के निर्देशन में AI के जरिये विकास का मॉडल बन रहा उत्तरप्रदेश

20/11/2025
Next Post
Manish Sisodia

सिसोदिया के 'लुकआउट सर्कुलर' पर मचा घमासान, CBI ने कहा- 'अभी तक' जारी ही नहीं हुआ

यह भी पढ़ें

Haryana students

हरियाणा में छात्रों को कंपार्टमेंट में पास होने के लिए मिलेगा एक और मौका

19/09/2020
Arshad Madani

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मचा बवाल, कई धर्मगुरुओं ने छोड़ा मंच

12/02/2023

कोरोना काल में प्रियंका को यूपी की जनता याद नहीं आई : सिद्धार्थनाथ

18/07/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version