आजादी के 70 साल बाद तक किसानों को केवल वोट बैंक समझा गया। सत्ता में बैठे लोगों की प्राथमिकता से और राजनीतिक एजेंडे से किसान नदारद थे। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद किसान मुख्य धारा में शामिल हुए और विकास में भागीदार बने।
बुधवार को किसान कल्याण मिशन का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प दोहराया। कानपुर रोड पर बंथरा स्थित विनायक स्पोर्ट्स स्टेडियम में मुख्यमंत्री ने एक साथ प्रदेश के 825 ब्लॉकों में शुरू किसान कल्याण मिशन के तहत होने वाले फायदे गिनाए।
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योगी ने कहा कि देश में जय जवान और जय किसान का नारा तो दिया गया, लेकिन इसके बावजूद किसान हाशिये पर था। 2014 में मोदी सरकार के आने पर किसान मुख्य धारा में शामिल हुए। इससे पहले किसानों की आत्महत्या की खबरें आती थीं, जबकि आज प्रगतिशील किसानों की खुशहाली की कहानियां आ रही हैं। यह बदलाव की शुरुआत है।
देश के हर किसान को आत्मनिर्भर बनाना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार आई तो कैबिनेट का सबसे पहला निर्णय किसानों के गन्ना भुगतान का रहा। पिछली सरकारों में धान और गेहूं की खरीद नहीं होती थी।
हमने लक्ष्य से अधिक खरीद की। विज्ञान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे खेती और बेहतर हो रही है। सीएम ने किसान आंदोलन की ओर इशारा करते हुए कहा कि तमाम लोग किसानों को लेकर गलतफहमी पैदा कर रहे हैं। उन लोगों को अच्छा नहीं लग रहा कि किसान खुशहाल हों। दुग्ध उत्पादन में हम नंबर एक हैं। किसानों को सम्मान निधि प्रदान की गई।
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कोरोना काल में किसानों के लिए काम किया गया। सीएम ने कृषि ढांचा बढ़ाने पर जोर दिया। कहा कि ग्राम पंचायतें अपने स्टोर बनाकर अनाज का भंडारण करें। इससे आय होगी और भटकना नहीं पड़ेगा। सीएम ने किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठा दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को कहा। सीएम ने बुंदेलखंड में दुग्ध उत्पादन समिति का हवाला दिया जिसने डेढ़ करोड़ की आय की।