उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को सत्तारूढ़ भाजपा पर कृषि अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि किसान प्राकृतिक आपदा से ज्यादा सरकारी रवैये से संकट में है और भाजपा की नीतियों से कृषि की अर्थव्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो गई है। इसके अलावा अखिलेश ने आरोप लगाया कि किसानों की कर्ज माफी, उनकी आय दोगुनी करने, उपज की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना दाम देने के ‘झूठे’ वादों से उनके वोट ले लिए और फिर कारपोरेट के पास उन्हें बंधक बनाने की साजिश को अंजाम दे दिया।
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि आज बेमौसम बरसात और धान की खरीद में भ्रष्टाचार के चलते किसान बदहाली में हैं और सरकार उनके प्रति असंवेदनशील व्यवहार कर रही है। ऐसे में किसान आत्महत्या नहीं करें तो क्या करें? उन्होंने दावा किया कि किसान के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1888 रुपये प्रति क्विंटल है मगर बाजार में उसे 1000-1200 रुपये में ही धान बेचना पड़ रहा है। इसके साथ धान क्रय केन्द्रों पर किसान को अपमानित किया जाता है।
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इसके अलावा यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सच तो यह है कि किसान भगवान भरोसे ही जिंदा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सरकारों में उसे शोषण और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है। अब किसान वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों की ही प्रतीक्षा कर रहे हैं जब वे अपने मन की नयी समाजवादी सरकार चुनेंगे और ‘भ्रष्ट’ भाजपा से निजात पा सकेंगे।
आपको बता दें कि धान खरीद को लेकर न सिर्फ समाजवादी पार्टी बल्कि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को जमकर घेरा है। इससे पहले कांग्रेस ने भी कहा था कि किसान के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1888 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन वह बाजार में उसे 800-1000 रुपये में ही बेचने पर मजबूर है। साथ ही कहा था कि योगी सरकार में किसान अपने सबसे बुरे दौर में है। हालांकि यूपी सरकार लगातार किसान की खुशहाली का दावा कर रही है।







