विशाखापट्टनम। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से हाल ही में खबर आई थी कि यहां के फ्लोटिंग ब्रिज (Floating Bridge) का एक हिस्सा उद्घाटन के एक दिन बाद ही पानी में समा गया था। जानकारी सामने आते ही विपक्षी नेताओं ने आलोचना करना शुरू कर दिया था। हालांकि, अब आंध्र प्रदेश सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही सफाई पेश की है।
बता दें, शहर के लोकप्रिय आर के बीच पर फ्लोटिंग ब्रिज (Floating Bridge) का उद्घाटन रविवार को वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य वाईवी सुब्बा रेड्डी ने बड़े धूमधाम से किया था। हालांकि, 24 घंटों के भीतर समुद्र के पानी में तैरते ढांचे के टूटे हुए हिस्से की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। मामले को तूल तब और मिली, जब विपक्षी टीडीपी पार्टी ने इसकी आलोचना की।
वीएमआरडीए की सफाई
मामले को बढ़ता देख सोमवार को विशाखापट्टनम मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (वीएमआरडीए) ने एक आधिकारिक बयान जारी कर सफाई दी। वीएमआरडीए ने कहा, ‘उच्च ज्वार के कारण, ब्रिज के टी आकार के व्यूप्वॉइंट को अलग कर दिया गया है और इसकी स्थिरता की जांच के लिए इसे एंकर के पास रखा गया है। हालांकि, कुछ लोगों ने ब्रिज (Floating Bridge) और अलग व्यूप्वॉइंट के बीच के अंतर की तस्वीरें लीं और आरोप लगाया कि ब्रिज टूट गया है और यह गलत जानकारी है।’
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वीएमआरडीए ने दावा किया कि मॉक ड्रिल के तहत ब्रिज के एक हिस्से को हटा दिया गया है। मजबूत समुद्री धाराओं के दौरान इस तरह का अलगाव एक सामान्य तकनीकी प्रक्रिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि भविष्य में भी मॉक ड्रिल के हिस्से के रूप में जरूरत पड़ने पर व्यूप्वॉइंट को अलग किया जाएगा।
इसके अलावा विशाखापट्टनम मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने यह भी बताया कि पर्यटकों को ब्रिज पर जाने की अनुमति क्यों नहीं मिल रही है। उसने कहा, सरकार सोमवार से पर्यटकों को पुल पर जाने की अनुमति देना चाहती थी, लेकिन मौसम में बदलाव और तेज समुद्री धाराओं के कारण इसपर रोक लगाई हुई है। इस बीच, उद्योग मंत्री जी अमरनाथ ने तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह फ्लोटिंग ब्रिज (Floating Bridge) को लेकर फर्जी प्रचार कर रही है।