कानपुर। उत्तर प्रदेश कानपुर जिले के जाजमऊ में दो दिन पहले हुए बवाल और हिंसा (Jajmau violence) में पूर्व बीजेपी नेता नारायण सिंह भदौरिया (Narayan Singh) का नाम सामने आया है। नारायण भदौरिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
बात दें नारायण सिंह भदौरिया वही शख्स है जिसने एक साल पहले 2 जून 2021 को दिनदहाड़े नौबस्ता इलाके में पुलिस कस्टडी से हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को छुड़ा लिया था। उस समय नारायण बीजेपी का जिला मंत्री था। नारायण सिंह एक वकील भी है।
उस समय हिस्ट्रीशीटर को छुड़ाने के मामले ने ऐसा तूल पकड़ा था कि सरकार तक को सफाई देनी पड़ी थी, उसके बाद नारायण को बीजेपी से निकाल दिया गया था, नारायण को 4 जून को नोएडा से एसआईटी टीम ने गिरफ्तार किया था।
गुरुवार रात को जाजमऊ में पुलिस के सामने ही शालीमार टेनरी कब्जाने के विवाद में नारायण का कुछ वीडियो मौके पर देखा गया था। फैक्ट्री के दूसरे पक्ष के लोग यानी आमिर के चाचा ने भी तब आरोप लगाया था कि बीजेपी झंडे वाली गाड़ियों में लोग बवाल करने मौके पर आये थे और उनकी गाड़ियों में हूटर भी लगे हुए थे।
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इस विवाद में सपा विधायक रूमी हसन का बेटा कामरान भी मौके पर था, पुलिस ने बारह नामजद लोगों के साथ उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने वीडियो के आधार पर बवाल करने वालों में शामिल नारायण भदौरिया को गिरफ्तार किया है। पुलिस अभी यह नहीं साफ़ कर पाई है की वह किसकी तरफ से मौके पर मौजूद था।
वहीं इस मामले को लेकर कानपुर के ज्वाइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि दो दिन पहले जाजमऊ इलाके में हुए संपत्ति विवाद को लेकर हिंसा हुई थी। वीडियो में जो लोग नजर आये थे उनमें नारायण भदौरिया को आज गिरफ्तार किया गया है।