उरई/जालौन । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश वासियों को बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे (Bundelkhand Expressway) की सौगात दी है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश 13 एक्सप्रेस वे (Expressway) के साथ देश का पहला सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वे वाला राज्य बन गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की वजह से रोजगार की संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, किसानों की तकदीर भी बदल सकती है। एक्सप्रेस-वे ने दिल्ली की दूरी कम कर दी है। किसान अब अपने उत्पादन को दिल्ली की मंडी तक पहुंचा सकते हैं।
बुंदेलखंड में शनिवार को 296 किलोमीटर लंबे 4 लेन वाले इस एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) का उद्घाटन हुआ। यूपी में फिलहाल 6 एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हैं और जनता के लिए खुले हुए हैं वहीं सात एक्सप्रेस वे पर तेजी से काम चल रहा है। यूपी में जो एक्सप्रेस वे शुरू हो चुके हैं उनमें यमुना एक्सप्रेस वे है जो 165 किलोमीटर लंबा है। यमुना एक्सप्रेस वे नोएडा को आगरा से जोड़ता है। इसके अलावा नोएडा को ग्रेटर नोएडा से जोड़ने वाला 25 किलोमीटर लंबा नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे चालू है।
आगरा को लखनऊ से जोड़ने वाला 302 किलोमीटर लंबा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे बनकर चालू है। 96 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे दिल्ली को मेरठ से जोड़ता है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे 341 किलोमीटर लंबा है जो सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, अमेठी और अयोध्या के अलावा आजमगढ़, मऊ और आजमगढ़ को दिल्ली और लखनऊ से जोड़ता है। वहीं आज से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे भी चालू हो गया है। इस तरह कुल 1225 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे बनकर तैयार है और जनता के लिए चालू है।
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आने वाले दिनों में जो एक्सप्रेस वे बनने वाले हैं उनमें 91 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, 594 किलोमीटर वाला गंगा एक्सप्रेस वे, 63 किलोमीटर लंबा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे, 380 किलोमीटर लंबा गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेस वे, 519 किलोमीटर लंबा गोरखपुर-सिलिगुड़ी एक्सप्रेस वे, 210 किलोमीटर लंबा दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेस वे, 117 किलोमीटर लंबा गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेसवे बनने वाला है। इस तरह 1974 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे बनने वाला है।
296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में 28 माह का समय लगा है। जिसकी लागत लगभग 15000 करोड़ है। उम्मीद है कि एक्सप्रेस-वे अर्थव्यवस्था सुधारने में सहायक होगा। किसान सीधा दिल्ली की मंडी से जुड़ सकेंगे। व्यापार के साधन सुगम हो जाएंगे। विकास के लिहाज से बुंदेलखंड बेहद पिछड़ा है। रोजगार के विकल्प कम होने की वजह से यहां लोग दूसरे राज्यों में जाकर काम धंधा करते हैं ।
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बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे एवं डिफेंस कारिडोर के स्थापित होने के बाद युवाओं को यहीं पर रोजगार मिल सकेगा। इस वजह से भी लोग उत्साहित हैं। समारोह में बुंदेलखंड की कला संस्कृति को दिखाने के लिए कलाकारों द्वारा बुंदेलखंड की धरोहर को भी दर्शाया गया जिसके लिए एक आर्ट गैलरी भी बनाई गई थी, जिसमें झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ झांसी का किला, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का माडल, महोबा का किला, जालौन का जगम्मनपुर किला देखने को मिला।