लखनऊ। यूपी में राज्यसभा की दस सीटों पर हो रहे चुनाव के बीच बसपा के 7 विधायकों की बगावत कर दी। इसके बाद बागी विधायकों ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुई मुलाकात से यूपी की सियासत की गर्म हो गई। मायावती ने जहां गेस्ट हाउस कांड का जिक्र देते हुए मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस वापस लेने पर अफसोस जताया है। तो वहीं अखिलेश यादव को दलित विरोधी करार दिया है। यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन करना भूल थी।
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साथ ही मायावती ने MLC चुनाव में भाजपा का समर्थन करने का भी दावा किया है। इससे सपा-बसपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। वहीं, इस प्रकरण में कांग्रेस भी कूद पड़ी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने एक वाक्य ट्वीट कर मायावती पर बड़ा हमला बोला है।
मायावती के बयान साबित हुआ कि बसपा, भाजपा की बी टीम
पूर्व कैबिनेट मंत्री व सपा के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक मिश्रा ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपने हर रिश्तों का निर्वहन करना जानती है। जो पार्टी लोकसभा चुनाव में जीरो सीट पर थी, उस पार्टी को हमारी पार्टी से गठबंधन के बाद 10 सीट हासिल हुई। मायावती ने भाजपा को समर्थन करने का दावा किया है। इससे साबित हो गया बसपा, भाजपा की बी टीम है। गठबंधन का जो धर्म था, हमने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से पालन किया था। यही कारण था कार्यकर्ता से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक बसपा के समर्थन में उतरा था।
बसपा के मूवमेंट जो लगे थे, उनको अब अखिलेश यादव में एक आशा की किरण दिख रही है। आने वाले वक्त में सब लोग मिलकर समाजवादी पार्टी को मजबूत करेंगे। अब लड़ाई उत्तर प्रदेश में सिर्फ समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच बचेगी और बाकी पार्टियां,अब इस निर्णय के बाद,खत्म हो चुकी है।