देवरिया। जिले में आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) के तहत इलाज में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। देवरिया के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ने 387 फर्जी क्लेम के जरिए 17,11,800 रुपये भुगतान करा लिया। इस मामले की जांच तीन सदस्यीय टीम ने की थी। रिपोर्ट आने के बाद आयुष्मान भारत PMJAY और स्टेट हेल्थ एजेंसी ने अस्पताल प्रबंधन से क्लेम में ली गई रकम से दोगुनी यानी 34,23,600 रुपये जुर्माना वसूलने का आदेश दिया है।
करीब एक महीने पहले देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील के रुद्रपुर कस्बे में आशुतोष हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की थी। इस दौरान वहां अवैध अल्ट्रासाउंड मशीन पकड़ी गई और डॉक्टर एस. के. त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई हुई। इसमें जांच के दौरान अस्पताल प्रबंधन की कई खामियां उजागर हुई थीं। सीएमओ ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी और अस्पताल में गड़बड़ियों का जिक्र किया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत यहां घपले की आशंका जताई थी।
मामला गंभीर होने पर डीएम जे.पी. सिंह ने तीन सदस्यीय टीम गठित की। जांच के दौरान पता चला कि आयुष्मान योजना के तहत 387 फर्जी केस में क्लेम लिया गया। पूरी रिपोर्ट डीएम ने आयुष्मान भारत PMJAY और स्टेट हेल्थ एजेंसी को भेजी। आंतरिक जांच में भी फर्जी क्लेम की पुष्टि हुई। अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज कराने के रिकॉर्ड की जांच की गई बहुत सारे मामले एक समान पाए गए। 387 ऐसे मामले थे जो पूरी तरह फर्जी पाए गए। अब अस्पताल प्रबंधन पर 34,23,600 रुपये जुर्माना लगाया गया है।
एके शर्मा ने ‘सम्भव’ की व्यवस्था अनुसार जनसुनवाई करने के दिए निर्देश
आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए पांच लाख रुपये के इलाज का प्रावधान है। हालांकि अस्पताल में साधारण बीमारियों के इलाज के लिए आने वाले मरीजों से यह पूछा जाता था कि उसके पास आयुष्मान कार्ड है या नहीं। हां बताने पर उसका आयुष्मान कार्ड जमा करा लिया जाता था और उसी के सहारे नकली बिल बनाकर भुगतान के लिए दावा किया जाता था। इस प्रकार 387 फर्जी मामलों में 17,11,800 रुपये का अस्पताल ने भुगतान करवा लिया।
देवरिया के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि आशुतोष हॉस्पिटल में एक साल पहले स्टेट हेल्थ एजेंसी ने प्रशासन को अनियमितता की ओर ध्यान दिलाया था। इस बारे में डीएम को भी जानकारी दी गई थी। अब जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल पर यह एक्शन लिया गया है।