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राज्य में लॉकडाउन के दौरान किसानों का रखा गया पूरा ध्यान : योगी

सीएम योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार ने कोविड लाॅकडाउन और अनलाॅक के दौरान किसानों का पूरा ध्यान रखा, जिसके चलते राज्य में कृषि कार्यों में कोई दिक्कत नहीं आयी।

श्री योगी ने गुरूवार को यहां अपने सरकारी आवास पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड के सम्बन्ध में आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा कि राज्य में कोविड लाॅकडाउन और अनलाॅक के दौरान किसानों का पूरा ध्यान रखा, जिसके चलते राज्य में कृषि कार्यों में कोई दिक्कत नहीं आयी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाॅकडाउन घोषणा के समय उत्तर प्रदेश में राई, सरसों, चना, मटर, मसूर आदि फसलों की कटाई, मड़ाई का कार्य पूर्ण हो चुका था। आत्म निर्भर भारत कार्यक्रम के तहत केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों से संवाद स्थापित किया गया, जिसका लाभ राज्यों की सरकारों को मिला।

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उन्हाेंने कहा कि लाॅकडाउन का प्रभाव गेहूं की कटाई, मड़ाई के साथ-साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ सकता था, लेकिन राज्य सरकार ने इस दौरान कृषि कार्यों को करने की अनुमति दी, जिससे कोई कठिनाई उत्पन्न नहीं हुई।

प्रदेश में गेहूं की कटाई, मड़ाई के लिए 4,774 और हारवेस्टर 5,153 रीपर संचालित किए गए। साथ ही, अन्य राज्यों से हारवेस्टर एवं रीपराें को प्रदेश में प्रवेश की अनुमति दी गई, जिससे गेहूं एवं अन्य रबी फसलों की कटाई, मड़ाई समय एवं सुगमता से सम्पन्न हुई। किसानों द्वारा रबी से उत्पादित फसलों की खरीद के लिए 5,953 सरकारी क्रय केन्द्र खोले गये एवं क्रय केन्द्रों तक खाद्यान्नों के परिवहन की अनुमति दी गयी। इन सरकारी क्रय केन्द्रों से 35.77 लाख टन गेहूं, 38,717 मीट्रिक टन चना तथा 319 मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई। दलहन की खरीद गत वर्ष में कुल खरीद 2,362 मीट्रिक टन खरीद से 16 गुना अधिक रही। जिसकी धनराशि किसानों के खाते में सीधे भेजी गयी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक महत्वपूर्ण कैश क्राॅप है, राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें पूरी क्षमता से चलाई गयीं। इस वर्ष 1,118.02 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पेराई से 126.36 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ। कोविड-19 के दौरान गन्ना मिलों द्वारा 150 लाख लीटर सेनिटाइजर का निर्माण कर जन सामान्य को विक्रय के लिए उपलब्ध कराया गया। गन्ना मिलों द्वारा इस वर्ष 1500 करोड़ रुपए मूल्य की विद्युत का भी उत्पादन किया गया। किसानों को उनके उत्पादन के स्वेच्छानुसार विक्रय की सुविधा देते हुए 45 कृषि उत्पादों को मण्डी शुल्क से मुक्त किया गया। इससे किसानों को अपने उत्पादों को अपनी सुविधानुसार अच्छे मूल्य पर विक्रय करने का अवसर मिला है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकेगी। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के उन्नयन के लिए पूरे देश में 10 हजार कृषक उत्पादक संगठनों के गठन के लिए निर्धारित लक्ष्य के तहत प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में दो दो कृषक उत्पादक संगठनों के गठन के लिए राज्य सरकार द्वारा नीति निर्धारण की प्रक्रिया विचाराधीन है।

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि निवेशों की पर्याप्त व्यवस्था के चलते जायद-2020 के बुवाई के लक्ष्य के सापेक्ष 8.12 लाख हेक्टेयर के स्थान पर 9.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का बोया गया। खरीफ में धान एवं अन्य फसलों की बुवाई में खरीफ का लक्ष्य 95.92 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष 95.98 लाख हेक्टेयर की पूर्ति की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसानों को उनके उत्पादन के सुरक्षित भण्डारण के उद्देश्य से 5-5 हजार मीट्रिक टन क्षमता के 37 भण्डार गृहों (गोदामों) का निर्माण राज्य भण्डारण निगम द्वारा मण्डी परिषद से प्राप्त निःशुल्क भूमि पर कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत देश में कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित क्षेत्र में भंडारण, प्रसंस्करण एवं कृषि उत्पादन के विपणन से सम्बन्धित आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं एवं लाॅजिस्टिक युक्त कोल्ड चेन आदि सुविधाओं के सृजन के लिये आगामी चार वित्तीय वर्षों (2020-21 से 2023-24 तक) में एक लाख करोड़ रुपए का विनिवेश करने की योजना है। उत्तर प्रदेश राज्य के लिये लगभग 12,900 करोड़ रुपए की परिव्यय संसूचित है। इस योजना के अन्तर्गत कई प्रकार की अवस्थापना सुविधाओं सहित प्रसंस्करण, कोल्ड चेन, ग्रेडिंग, भण्डारण पैकेजिंग, विपणन से सम्बन्धित कार्य किया जा सकता है।

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श्री योगी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2020-21 के लिये मौन पालन के उद्देश्य से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे है। इसके लिये ‘स्टेट बी-कीपिंग एण्ड हनी मिशन के तहत वर्ष 2020-21 के लिये नेशनल बी-बोर्ड, भारत सरकार को मधुमक्खी पालन की कार्ययोजना के लिये 8153.48 लाख रुपए का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। राष्ट्रीय बी-कीपिंग एवं हनी मिशन के तहत वाराणसी के सेवापुरी विकास खण्ड में प्रशिक्षण के लिये 6.78 लाख रुपये के प्रस्ताव को राष्ट्रीय बी बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मत्स्य विभाग द्वारा अद्यतन 13,937 मत्स्य पालकों के आवेदन पत्र बैंक शाखाओं को प्रेषित किये गये, जिसके सापेक्ष 3,714 किसान क्रेडिट कार्ड 39.18 करोड़ रुपए मूल्य के निर्गत कराये गये।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत मत्स्य पालन और मात्स्यिकी के विकास से सम्बन्धित 586 करोड़ रुपए की परियोजना लागत मूल्य के 5,668 परियोजना प्रस्ताव ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि 27 प्रमुख मण्डियों को वर्तमान में आधुनिक किसान मण्डी के रूप में विकसित किया जा रहा है। 24 मण्डियों में फल और सब्जी आदि को सुरक्षित व गुणवत्तापूर्वक रखने हेतु कोल्ड स्टोरेज व राइपनिंग चैम्बर की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

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वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान केन्द्र सरकार ने कृषि कार्याें को छूट दी थी। इसके चलते कृषि की अच्छी पैदावार हुई है। उन्हाेंने कहा कि फसलों की कटाई के बाद प्रोसेसिंग की सुविधा न होने से किसानों को काफी नुकसान होता है। किसानों की उपज बढ़ाने के लिए और अधिक कृषि अवस्थापना सुविधाएं सृजित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा एक लाख करोड़ रुपए के कृषि निवेश पैकेज की घोषणा की गई थी।

उन्होंने कहा कि सभी राज्य इस पैकेज के तहत उपलब्ध कराई गई धनराशि का उपयोग अपने-अपने राज्यों में कृषि अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए करें। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा अपनाए गए माॅडल की प्रशंसा करते हुए अन्य राज्यों को इसे अपनाने का सुझाव दिया।

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