हरिद्वार : लाख प्रयासों के बावजूद हरिद्वार में गंगाजल पीने लायक नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच के बाद जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि हरकी पैड़ी सहित चार जगहों से लिए पानी के सैंपल में वाटर क्वालिटी का मानक बी श्रेणी का आया है। पानी में टोटल कोलीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा स्टैंडर्ड मानक से अधिक मिली है। पीसीबी के अनुसार, बी श्रेणी का पानी बिना फिल्टर पीने योग्य नहीं होता है हालांकि नहाने के लिए यह पूरी तरह सुरक्षित है।
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भीमगोड़ा बैराज से 14 नवंबर की रात गंगा में पानी छोड़ा गया था। इससे पहले गंगा बंदी के दौरान घाटों की सफाई की गई थी। पानी छोड़ने के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने हरकी पैड़ी, बिशनपुर कुंडी, बालाकुमारी मंदिर जगजीतपुर और रुड़की में गंगनहर से पानी के सैंपल लिए थे। पीसीबी ने जांच रिपोर्ट जारी कर दी है। इसके अनुसार गंगा के पानी में कोलीफार्म बैक्टीरिया का स्तर स्टैंडर्ड मानक से अधिक पाया गया है। हरकी पैड़ी से लिए गए सैंपल में बैक्टीरिया का स्तर 70 एमपीएन दर्ज हुआ है। जबकि रुड़की गंगनहर में इसकी मात्रा 120 एमपीएन है।
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हालांकि, पानी में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड की मात्रा ठीक मिली है। हरकी पैड़ी पर इसकी मात्रा एक एमजी प्रति लीटर, बालाकुमारी मंदिर के पास 1.2, बिशनपुर में 1.2 और रुड़की गंगनहर में एक एमजी प्रति लीटर मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, जल में एमपीएन की मात्रा अधिक होने के चलते यह स्नान करने के लिए तो सुरक्षित है, लेकिन आचमन के लिए ठीक नहीं है।