नई दिल्ली। भारत में मोबाइल फोन असेंबलिंग का काम कर रही चीनी कंपनियों को आने वाले समय में अपनी टेक्नोलॉजी भी शेयर करनी पड़ सकती है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को इस बात के संकेत दिए। औद्योगिक संगठन के एक कार्यक्रम में गोयल ने चीन का नाम लिए बगैर यह कहा कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत असेंबलिंग वर्कशॉप बनकर नहीं रहेगा। इन कंपनियों को चरणबद्ध तरीके से अपनी टेक्नोलॉजी शेयर करनी होगी और उत्पाद को पूरी तरह से भारत में विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि हम निवेशकों को आमंत्रित कर रहे हैं, इसका यह मतलब नहीं है कि सबकुछ एकतरफा होगा।
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फिलहाल भारत में चीन की मोबाइल फोन कंपनियां सबसे अधिक असेंबलिंग का काम कर रही है। भारत में इस्तेमाल होने वाले स्मार्टफोन में 70 फीसद हिस्सेदारी चीन की चार कंपनियों की हैं। ये कंपनियां चीन से कच्चे माल मंगाकर भारत में स्मार्टफोन असेंबलिंग का काम कर रही है। चीन की कंपनियां भारत में टेलीविजन, एसी जैसे कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की भी असेंबलिंग करती है। गोयल ने औद्योगिक संगठन फिक्की के कार्यक्रम में कहा कि किसी भी देश के साथ अब दोतरफा व्यापार होगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व में जो मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) किए गए, उससे भारतीय उद्यमियों को फायदा नहीं हुआ। अगर कोई देश भारत में व्यापार करना चाहता है तो उसे भी भारतीय उद्यमियों के लिए अपने दरवाजे खोलने होंगे। उन्होंने कहा कि भारत में व्यापार करने वाले देश को भारतीय उद्यमी एवं भारतीय उत्पाद को उतना ही महत्व देना होगा जितना हम उन्हें दे रहे हैं। उन्होंने इस प्रकार का माहौल तैयार करने के लिए भारतीय उद्यमियों से अपने उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कहा।
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भुगतान संतुलन में रहेगी मजबूती : गोयल ने कहा कि इस साल आयात में गिरावट की वजह से भुगतान संतुलन मजबूत रहेगा। वहीं, इकोनॉमी में भी तेजी से रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। इस साल जून में 18 साल के बाद भारतीय वस्तुओं का निर्यात आयात से अधिक रहा। उन्होंने कहा कि जुलाई माह का निर्यात पिछले साल जुलाई के 91 फीसद के पास पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि पिछले 12 दिनों में रेलवे से होने वाली माल ढुलाई पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले अधिक रही। बिजली की खपत भी लगभग पिछले साल के स्तर पर पहुंच गई है।