नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। अब टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) का इस पूरे मामले पर बयान आया है। भज्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर पीड़िता को न्याय मिलने में हो रही देरी पर अपनी ‘गहरी पीड़ा’ व्यक्त की है।
‘महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा से समझौता नहीं’
हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने अपने X अकाउंट पर पत्र साझा करते हुए लिखा, ‘कोलकाता रेप-मर्डर केस की पीड़िता को न्याय में देरी पर गहरी पीड़ा के साथ, इस घटना ने हम सभी की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है। मैंने पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंगाल के राज्यपाल से हार्दिक निवेदन किया है। उनसे आग्रह है कि वे तेजी से और निर्णायक रूप से कार्रवाई करें।’
हरभजन (Harbhajan Singh) कहते हैं, ‘महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा से समझौता नहीं किया जा सकता। इस जघन्य अपराध के अपराधियों को कानून की पूरी मार झेलनी चाहिए और सजा अनुकरणीय होनी चाहिए। तभी हम अपने सिस्टम में विश्वास बहाल कर सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि ऐसी त्रासदी फिर कभी न हो। साथ ही हम एक ऐसा समाज बना सकें जहां हर महिला सुरक्षित और संरक्षित महसूस करें। हमें खुद से पूछना चाहिए- अगर अभी नहीं, तो कब? मुझे लगता है, कार्रवाई का समय अब आ गया है।’
हरभजन (Harbhajan Singh) ने दो पन्नों के पत्र में ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी।वी। आनंद बोस और भारत के नागरिकों को संबोधित किया। हरभजन ने अपने पत्र में लिखा, ‘हिंसा के इस अकल्पनीय कृत्य ने हम सभी की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। यह न केवल एक व्यक्ति के खिलाफ जघन्य अपराध है, बल्कि हमारे समाज में हर महिला की गरिमा और सुरक्षा पर गंभीर हमला है। यह हमारे समाज में गहराई से जड़ें जमाए हुए मुद्दों का प्रतिबिंब है और अधिकारियों द्वारा प्रणालीगत बदलाव और कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता की स्पष्ट याद दिलाता है।’
‘एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका’
पत्र में आगे लिखा गया है, ‘इस तरह की क्रूरता एक चिकित्सा संस्थान के परिसर में घटित हुई, जो कि उपचार और जीवन बचाने के लिए समर्पित स्थान है। यह काफी चौंकाने वाला और अस्वीकार्य है। एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है और हमें अभी तक कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली, जिसके कारण डॉक्टरों और चिकित्सा समुदाय को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा है।
चिकित्सा समुदाय पहले से ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहा है। ऐसी घटनाओं के बाद हम उनसे समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं, जबकि उनकी अपनी सुरक्षा इतनी गंभीर रूप से खतरे में है।’