लव जिहाद से जुड़े मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने मुस्लिम युवक से शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन करने वाली युवती को तीन लाख की आर्थिक गारंटी देने का निर्देश दिया है। युवती के पति को एक महीने के अंदर तीन लाख रुपये की एफडी कराने का आदेश दिया गया है।
हाई कोर्ट ने ये फैसला युवती को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए लिया. दरअसल, निकाहनामे में मेहर की रकम काफी कम होने की वजह से कोर्ट ने ये फैसला दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये भी टिप्पणी की कि पति के लिए धर्म परिवर्तन करने और परिवार वालों की नाराजगी झेलने वाली महिला को आर्थिक गारंटी मिलना जरूरी है। युवक को 8 फरवरी से पहले एफडी कराकर उसकी कॉपी अदालत में पेश करनी होगी। मामले की अगली सुनवाई अब आठ फरवरी को होगी।
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जस्टिस सलिल श्रीवास्तव की सिंगल बेंच में शुक्रवार को मामले की सुनवाई हुई। बिजनौर की संगीता के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये बड़ा फैसला दिया। संगीता ने मुस्लिम युवक से शादी के लिए धर्म परिवर्तन किया था। धर्म बदलने के बाद संगीता ने अपना नाम शाइस्ता परवीन रखा था।
शाइस्ता उर्फ संगीता के परिवार वाले इस शादी से नाराज थे। परिवार वालों द्वारा मारपीट करने के बाद सुरक्षा के लिए संगीता ने हाई कोर्ट में सुरक्षा की अर्जी दाखिल की थी। अदालत ने सुरक्षा के लिए बिजनौर के एसपी को निर्देशित किया। सुरक्षा और एफडी के अलावा भी कोर्ट ने बेहद अहम टिप्पणी की है।
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हाई कोर्ट ने कहा कि बालिग लोगों के शादीशुदा जीवन में परिवार समेत किसी को बेवजह दखल देने का अधिकार नहीं है। परिवार के लोग अगर चाहें तो सामाजिक संबंध भर खत्म कर सकते हैं। बेटे-बेटी के जीवन में दखल देने या उनसे मारपीट करने और धमकाने का कोई अधिकार उन्हें नहीं है।