जहां एक बार फिर दुनियाभर में कोरोना महामारी ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया हैं। वहीं भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर से लोगों को डरा दिया है। दूसरी लहर को देख कर पूरा देश खौफ में आ गया हैं। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं हॉलीवुड की उन फिल्मों की जो वायरस पर बन चुकी हैं। बता दे कि कोरोना वायरस के जैसे ही कई खतरनाक वायरस पर बनी ये फिल्मे कितनी खतरनाक हैं। क्योकि जब ये फिल्में पर्दे पर आईं तो इसने दर्शकों के पसीने छुड़ा दिए थे। अब हम आप को उन्हीं कुछ फिल्मों से रूबरू कराते हैं।
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आउटब्रेक
वुल्फगैंग पीटरसन के निर्देशन में बनी हॉलीवुड फिल्म आउटब्रेक में बंदरों से फैले वायरस की कहानी को दिखाया गया है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे अफ्रीकन रेन फॉरेस्ट से लाए गए बंदरों की वजह से फैले वायरस से बचाव के लिए वैज्ञानिक काम करते हैं। इस फिल्म में केविन स्पेसी, मॉर्गन फ्रीमैन, डस्टिन हॉफमैन जैसे स्टार्स ने अभिनय किया है।
कंटेजियन
साल 2011 में रिलीज हुई इस फिल्म का नाम कंटेजियन है। इसे स्टीवन सोडरबर्ग ने डायरेक्ट किया था। फिल्म में मेट डेमन और ब्रायन क्रैंस्टन जैसे सितारों ने काम किया था। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था। इस फिल्म में ग्वेनिथ पल्ट्रो, मारिऑन कोटिलार्ड, ब्रेयान क्रेन्सटन, मैट डेमन, लॉरेन्स फिशबर्न, जूड लॉ, केट विंसलेट और जेनिफर ने एक्टिंग की है। यह फिल्म 2009 में फैले स्वाइन फ्लू के वायरस के फैलने पर आधारित थी।
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आई एम लेजेंड
साल 2007 में रिलीज फिल्म ‘आई एम लेजेंड’ एक साइंस फिक्शन फिल्म है। इसमें एक महामारी का खौफनाक मंजर दिखाया गया है, जिसमें एक वायरस की वजह से दुनिया के ज्यादातर लोग मर चुके हैं। फिल्म का हीरो रॉबर्ट नेविल एक वैज्ञानिक है जो पूरी फिल्म में रेडियो सिग्नल भेजकर दूसरे जिंदा लोगों से संपर्क करने और वायरस का तोड़ बनाने की कोशिश करता रहता है। फिल्म में रॉबर्ट का किरदार एक्टर विल स्मिथ ने निभाया है।
12 मंकीज
1995 की साइंस फिक्शन फिल्म ’12 मंकीज’ 1996 में होने वाली एक घातक वायरस की कहानी है जो लगभग पूरी मानवता को मिटा देता है। बारह बंदरों की सेना के रूप में जाना जाने वाला एक समूह वायरस छोड़ता है, तब ब्रैड पिट इन घटनाओं का पता लगाने के लिए जाते हैं।
ब्लाइंडनेस
1995 में आई नॉवेल पर आधारित ‘ब्लाइंडनेस’ थ्रिलर फिल्म है। फिल्म में व्हाइट सिकनेस महामारी को दिखाया गया है। इस फिल्म की कहानी भी कई मायनों में कोरोनावायरस से मिलती जुलती है। फिल्म में पहले एक व्यक्ति को अचानक दिखना बंद हो जाता है इसके बाद उसका इलाज कर रहा डॉक्टर भी अपनी आंखें खो देता है। कहानी के अनुसार यह परेशानी दुनियाभर में फैल जाती है। फिल्म में जूलियन मूर और मार्क रफेलो जैसे दिग्गज एक्टर्स लीड रोल में हैं।